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पुलिस लापरवाही नहीं करती तो बच सकती थी एडीओ पंचायत सहायक की जान

उझानी (बदायूं)। पुलिस अगर एडीओ पंचायत सहायक के मामले को अगर गंभीरता से ली होती तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी। पहले हमला उसके दो महीने बाद गोली मारकर हत्या करना, हत्यारों के बुलंद हौसलों के साथ साथ पुलिस की लापरवाही की गवाही भी दे रहा है। सवालों के घेरे में सबसे ज्यादा दरोगा लोकेन्द्र भाटी हैं।

गाँव बसोमा निवासी रामदयाल की मंगलवार को गोली मारकर हत्या कर दी गयी। उनका शव गाँव में ही खेत से बरामद हुआ। रामदयाल आज सुबह 5 बजे घर से टहलने की बात कहकर निकले थे। लेकिन काफी देर तक जब वापस नहीं लौटे तो परिजनों खोज शुरू हुई। रामदयाल के परिजनों ने बदायूं, कछला गंगा घाट, कादरचौक के अलावा रिश्तेदारों के यहां भी उनकी खोज की लेकिन उनका कोई अता-पता नहीं चला।

इसके बाद करीबन 1 बजे रामदयाल को मझला बेटा गौरव कुमार पिता की गुमशुदगी की शिकायत लेकर कोतवाली पहुंचा। गौरव की माने तो दरोगा लोकेन्द्र भाटी ने खुद तलाश करने कहा, जवाब में गौरव ने सभी जगह तलाश करने की बात कही तो दरोगा ने यह तक कह दिया कि हेलीकॉप्टर, रेलगाड़ी से तलाश करो।

हमले के दौरान भी नहीं जागी थी पुलिस
रामदयाल की गुमशुदगी के बाद से ही परिजनों की अनहोनी की आशंका थी, दरअसल बीते करीबन दो माह पहले रामदयाल पर हमला हुआ था। इस हमले में उन्हें लाठी-डंडो से पीटा गया था जिसमे उन्हें सिर में गंभीर चोटें भी आई थीं। उनकी पत्नी ने इस मामले में मुकेश साहू समेत दो अज्ञात लोगों के खिलाफ तहरीर दी थी। हालाँकि पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को हिरासत में नहीं लिया। जिससे आरोपियों के हौसलें बुलंद हो गए। आरोपी गाँव में खुलेआम घूम रहे थे।

राहुल के मुताबिक दरोगा लोकेन्द्र भाटी ने इस हमले की चोटों को सड़क हादसा तक कह दिया था। इस हमले के बाद रामदयाल को अक्सर सिरदर्द और बेहोशी की शिकायत रहती थी। इसी वजह से उन्होंने सुबह को टहलना शुरू कर दिया था। वहीं मंगलवार देर शाम उनकी लाश जब गाँव के ही खेत से बरामद हुई तो सबके होश उड़ गए।

सूचना पर पुलिस भी पहुँच गयी। परिजनों समेत ग्रामीणों ने सीओ गजेन्द्र सिंह के सामने दरोगा लोकेन्द्र भाटी पर कार्रवाई की मांग की। नाराज लोगों ने देर शाम तक शव को उठाने नहीं दिया। अपने बीच के शख्स को खोये परिजन और ग्रामीण पुलिस की एक बात भी सुनने को तैयार न थे। इस घटनाक्रम के बीच दरोगा साहब भी वहां मौजूद थे लेकिन ग्रामीणों की बढती नाराजगी को देखते हुए वहां खिसक गए। परिजनों को काफी समझाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

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