उघैती (बदायूं)। जनपद में उघैती क्षेत्र में एक आंगनबाड़ी सहायिका के साथ गैंगरेप ने दिल्ली के निर्भया कांड की यादों को लोगों के जहन में फिर से ताजा कर दिया है। उघैती क्षेत्र एक महिला के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी गयी। बहशी यहीं तक नहीं रुके, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके गुप्तांग में गंभीर चोटें हैं, ऐसा प्रतीत होता है रॉड जैसी कोई चीज डाली गयी है, अलावा बाईं पसली-पैर-फेफडे में चोट की पुष्टि भी हुई है। हत्या करने के बाद बहशी दरिन्दे आंगनबाड़ी सहायिका की अर्धनग्न लाश को गाड़ी में डालकर उसके घर के बाहर फेंक गए। इस पूरे प्रकरण में पुलिस भी लापरवाह बनी रही जिसका फायदा उठाकर आरोपी फरार हो गए।
सनसनीखेज वारदात उघैती थाना क्षेत्र के एक गांव की है। यहां की 42 वर्षीय महिला रविवार शाम पास के गांव स्थित एक मंदिर पर पूजा के लिए गयी थी। लेकिन देर शाम तक वो घर वापस नहीं लौटी। जिसके बाद परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, परिजनों के मुताबिक रात करीबन साढ़े 11 बजे मंदिर का महंत अपने दो साथियों के साथ आया और महिला के शव को अर्धनग्न हालत में घर के बाहर डालकर चला गया। महिला के कपड़े खून से लथपथ थे, उसके कपड़े फटे हुए थे। इस घटना के बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी लेकिन पुलिस नहीं आई।
सोमवार सुबह उन्होंने डायल-112 को सूचना दी। लखनऊ कंट्रोल रूम से डायल-112 महिला के जब महिला के घर पहुंची तब थाना पुलिस में हड़कंप मचा और पुलिस मौके पर पहुंची। तब कहीं सोमवार की दोपहर करीबन 16 घंटे बाद लाश पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। हालाँकि इसके बावजूद भी पुलिस की लापरवाही यहीं तक नहीं। परिजनों ने सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या का आरोप लगाया लेकिन उघैती थानेदार राघवेंद्र प्रताप सिंह ने घटनास्थल का मुआयना तक नहीं किया। महंत के मुताबिक महिला कुएं में गिरी थी लेकिन यहाँ सवाल यह भी उठता है उसने इस संबंध में किसी गांव वाले को सूचना नहीं दी बल्कि अपने दो परिचित लोगों बुलाकर महिला की लाश उसके घर के बाहर क्यों डाल दी।
पढ़ें: आंगनबाड़ी सहायिका गैंगरेप: फजीहत के बाद थानाध्यक्ष निलंबित, दो आरोपी गिरफ्तार
वहीं महिला डॉक्टर समेत तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। मंगलवार शाम को रिपोर्ट आई तो पता चला कि महिला के गुप्तांग में गंभीर चोटें हैं। उसकी गुप्तांग में लोहे या लकड़ी की रॉड जैसा कुछ डाला गया है। इसके अलावा बाएं पसली-पैर-फेफडे पर भी गंभीर घाव हैं, इसकी वजह से उसका काफी खून भी निकल गया था। इस मामले में आरोपी बाबा सत्यनारायण, उसका शिष्य वेदराम व वाहन चालक जसपाल फरार हैं।
वीडियो: गांव में ही मीडिया में बयानबाजी करता रहा आरोपी बाबा, पुलिस ने नही किया गिरफ्तार
आरोपियों को बचाती रही पुलिस
रविवार रात जब साढ़े 11 बजे आरोपियों ने महिला की लाश अर्धनग्न और खून से लथपथ उसके घर के बाहर फेंका, उसके बाद से ही घटनाक्रम स्पष्ट था। परिजनों ने रात 12 बजे ही थाने में इसकी सूचना दी लेकिन पुलिस वहां नहीं पहुंची। लाश को घर फेंके जाने से लेकर 16 घंटे बाद पोस्टमार्टम को भेजे जाने तक आरोपी महंत गाँव में ही मौजूद था लेकिन पुलिस ने परिजनों की बार बार शिकायत के बावजूद उसे हिरासत में नहीं लिया। बल्कि लापरवाह इंस्पेक्टर राघवेंद्र प्रताप सिंह ने पुजारी की ही बात को आगे बढाया। नतीजतन अब पुलिस जल्द से जल्द तीनों आरोपियों को हिरासत में लेने का दावा कर रही है।