उघैती(बदायूं)। उघैती क्षेत्र में महिला की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में धर्मस्थल के पुजारी सत्यनारायण दास, मेवली निवासी वेदराम और यशपाल के खिलाफ हत्या व दुष्कर्म के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली है। इस मामले में फजीहत के बाद पुलिस ने दो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है वहीं इंस्पेक्टर राघवेंद्र प्रताप सिंह को निलम्बित कर दिया गया है।
उघैती थाना क्षेत्र में 42 वर्षीय महिला रविवार शाम पास के गांव स्थित एक मंदिर पर पूजा के लिए गयी थी। लेकिन देर शाम तक वो घर वापस नहीं लौटी। सात घंटे बाद यानी सोमवार रात 12 बजे धर्मस्थल का पुजारी सत्यनारायण दास, उसका चेला वेदराम और वाहन चालक यशपाल उसे अर्द्धनग्न हालत में घर के बाहर फेंक गए। उसके प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। उसका एक पैर टूटा हुआ था। परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी थी, लेकिन पुलिस सोमवार दोपहर तक मौके पर नहीं पहुंची।
सोमवार सुबह इस सम्बन्ध में पुजारी से पूछा गया तो उसने जवाब में कहा कि महिला मन्दिर से घर लौटते समय महिला रास्ते में एक सूखे कुएं में गिर गई थी और उसकी चीख-पुकार सुनकर उन्होंने उसे कुएं से बाहर निकाला और इलाज के लिए चंदौसी ले गए लेकिन यहाँ सवाल यह भी उठता है उसने इस संबंध में किसी गांव वाले को सूचना नहीं दी बल्कि अपने दो परिचित लोगों के साथ चंदौसी क्यों ले गया? साथ ही जब जब महिला की हालत इतनी गंभीर थी तो उसे वापस क्यों लाया?
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वहीं पुजारी ने जिस जिस कुएं में महिला के गिरने की बात कही थी, वो कुआं एक आम रास्ता नहीं हैं बल्कि एक बंद कोठरी में है। सोमवार दोपहर तक आरोपी गाँव में ही मौजूद थे लेकिन इस मामले में पूरी तरह लापरवाह इंस्पेक्टर राघवेंद्र प्रताप सिंह ने आरोपियों को गिरफ्तार करने की बजाए पुजारी की ही बात को आगे बढाया। जिसका फायदा उठाकर तीनों आरोपी फरार हो गए।
इंस्पेक्टर ने घटनास्थल का मुयायना तक नहीं किया, वहीं महिला के शव को करीबन 16 घंटे बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। परिजनों की सूचना पर जब लखनऊ कंट्रोल रूम से डायल-112 महिला के महिला के घर पहुंची तब थाना पुलिस में हड़कंप मचा और पुलिस मौके पर पहुंची। वहीं मंगलवार शाम को जब महिला की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आई तो सनसनीखेज खुलासा हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक महिला के साथ न सिर्फ सामूहिक दुष्कर्म किया बल्कि दरिंदों ने नीचता की हद पार कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक महिला के प्राइवेट पार्ट में रॉड डाली गई, जिससे अंदरूनी हिस्सा फट गया। उसकी बाईं सातवीं पसली टूटी हुई मिलीं और बायां फेफड़ा भी फटा हुआ था। उसका बायां पैर टूटा हुआ मिला है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ हत्या व दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया, एसएसपी संकल्प शर्मा ने चार टीम गठित कर आरोपियों की तलाश शुरू की जिसके बाद बुधवार सुबह तक दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए। अगर इंस्पेक्टर राघवेंद्र प्रताप सिंह ने शुरुआत में ही मामले को दबाने की बजाए अपनी ड्यूटी निभाई होती तो पुलिस विभाग को शर्मसार नहीं होनापड़ता, उघैती थानाध्यक्ष के तौर पर एक सप्ताह पहले ही उनकी तैनाती की गयी ।