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राम मंदिर पर फैसले से पहले पुलिस सख्त, बवाल करने वालों पर लगेगी रासुका

लखनऊ। अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले को देखते हुए पुलिस- प्रशासन भी पूरी तरह तैयार है। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि किसी भी हालत में किसी को कानून अपने हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। माहौल बिगाड़ने वालों को चिन्हित कर उनके उपर रासुका की कार्रवाई की जाएगी।

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अयोध्या मामले के फैसले को लेकर सतर्कता बरती जा रही है, सभी डीएम और एसपी को निर्देश दिया गया है कि वे पूरी मशीनरी चुस्त-दुरुस्त रखें और जनता से संपर्क बनाकर रखें। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस की खुफिया शाखा भी काम कर रही है और अहम सूचनाएं इकट्ठा कर रही है। डीजीपी ने कहा कि किसी भी स्थिति में कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ की इजाजत नहीं दी जाएगी और अगर जरूर पड़ती है तो ऐसा करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रावधान लगाए जाएंगें।

डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जिलों में पीस कमेटी के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उनसे लगातार संपर्क बनाए रखें और स्थिति पर नजर रखें। रविवार को डीजीपी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर कानून व्यवस्था की समीक्षा की और चुनौतियों पर सिलसिलेवार चर्चा की।

गौरतलब है कि अयोध्या भूमि विवाद में मध्यस्थता की कोशिश नाकाम होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में 6 अगस्त से रोजाना सुनवाई शुरू हुई थी। 16 अक्टूबर को अयोध्या मामले में अंतिम सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट 5 जजों की पीठ को इस पर फैसला देना है।

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को विवादित जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ 14 याचिकाएं दायर की गईं थीं। अदालत ने मई 2011 में हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के साथ विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। अब इन 14 अपीलों पर कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है।

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