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पुण्यतिथि पर याद किए गये डॉ. उर्मिलेश शंखधार

बदायूं। प्रख्यात गीतकार, साहित्यकार, कवि एवं बदायूं महोत्सव के संस्थापक डॉ. उर्मिलेश शंखधार को उनकी 16वीं पुण्यतिथि पर स्मरण किया गया। उनके पुत्र डॉ. अक्षत अशेष ने पौधे रोपित कर वर्ष भर में 500 पौधे लगाने का संकल्प लिया।

डॉ. उर्मिलेश की 16वीं पूण्यतिथि पर उन्हें नगर के साहित्य एवं संस्कृति प्रेमियों ने सादगी के साथ याद किया। कोविड-19 संक्रमण की वजह से कोई कार्यक्रम तो नहीं हुआ लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से हिन्दी साहित्य व काव्य मंच के वरिष्ठ एवं प्रसिद्ध कवियों उनके अनन्य शुभचिंतक द्वारा डॉ. उर्मिलेश को याद किया और श्रद्धांजलि दी गई। छत्तीसगढ़ के युवा चित्रकार मुकेश ध्रुव द्वारा डा. उर्मिलेश की पुण्यतिथि पर एक स्कैच बनाया है, जो उन्होंने आज डा. उर्मिलेश के पुत्र डा अक्षत अशेष को भेजा।

पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव ने डॉ. उर्मिलेश को याद करते हुए कहा कि विशेष संवेदनाओं के कवि डॉ उर्मिलेश शंखधार हिंदी साहित्य एवँ हिंदी गीतों के पर्यायवाची हैं। सामाजिक विसंगतियों, रिश्तों, देश भक्ति, प्रेम, सौहार्द, समरसता,भक्ति,जाग्रति, एकता, जीवन दर्शन समेत प्रायः सभी पहलुओं को उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से व्यक्त किया मातृभाषा हिंदी की सेवा करने वाले डॉ उर्मिलेश आज ही के दिन 16 मई 2005 को हम सब को छोड़कर परमपिता परमेश्वर में विलीन हो गए थे।

उन्होंने आगे कहा कि आदरणीय नेताजी से उनका बहुत ही आत्मीय रिश्ता रहा है, उनकी सरकार के कार्यकाल में डॉ0 उर्मिलेश जी को मरणोपरांत यशभारती पुरुस्कार से नवाजा गया था। डॉ0 उर्मिलेश आज भले ही इस संसार में नहीं है लेकिन उनकी स्मृति साहित्यप्रेमियों के मन में सदैव रहेगी। उनका लिखा गया प्रत्येक गीत,गजल व समस्त काव्य रचनाएं सदैव अमर रहेंगी और सदैव ही उनका स्मरण कराती रहेंगी।

डॉ. उर्मिलेश के पुत्र डॉ. अक्षत अशेष ने बताया कि कोरोना संक्रमण एवं लाकडाउन के कारण डॉ. उर्मिलेश की 16वीं पुण्यतिथि पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष कोई सामाजिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ। कोविड 19 महामारी के सभी को सुरक्षित और स्वस्थ रहना है, अंत: बचाव के दृष्टिगत डा उर्मिलेश के पुत्र डा अक्षत अशेष ने संक्षिप्त रूप में अपने आवास पर अपने दोनों पुत्रों आगम अशेष और विराज अशेष के साथ पौधे रोपित कर वर्ष भर में 500 पौधे लगाने का संकल्प लिया।

उन्होने कहा कि वर्तमान में महामारी से हम सबको यह सबक लेना होगा कि हम अपने वातावरण को अधिक से अधिक स्वस्थ स्वच्छ रख सकें, इस लिए आज यह संकल्प ले रहे हैं कि इस साल न्यूनतम 500 सुरक्षित वृक्ष रोपित कर उनकी देखभाल की जाये।

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