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जल निकासी व्यवस्था ध्वस्त, मूसलाधार बारिश से डूबी फसल

उझानी(बदायूं)। मानसून की दस्तक ने क्षेत्रवासियों को गर्मी से तो राहत मिली है, लेकिन इससे धान की फसल सहित सब्जियों को भारी नुकसान हो रहा है। ऐसे में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। जलनिकासी की व्यवस्था ध्वस्त होने से फसल बर्बाद होने की आशंका बढ़ गई है और लोगों के घरों के मुहाने तक पानी पहुँच गया है। किसानों में नाराजगी है।

उझानी बदायूं हाईवे पर क्षेत्र के गाँव रौली मार्ग पर खेतों में दूर-दूर तक पानी ही पानी नजर रहा है। पानी की निकासी न होने से खेत तालाब जैसे दिखाई देने लगे थे। किसानों की खेतों में धान, मक्का, गोभी की फसलें जलमगन हैं। मंगलवार को भी जब तेज बारिश हुई तो किसानों ने फसल को बचाने की बहुत कोशिश की पर सफलता न मिल सकी। कोई गेंती-फावड़ा लेकर पानी निकासी के इंतजाम में जुटा तो कोई आसमान की ओर टकटकी लगाकर बादलों की बिदाई का रास्ता देख रहा है। रुक-रुककर जब पानी की बूंदे बौछार बनकर गिरती हैं तो किसान का कलेजा बैठा जा रहा है। मुसीबत की इस घड़ी में न तो वोट मांगने वाले मदद को आ रहे हैं और न ही सरकारी हुक्मरान उनके कंधे पर हाथ रखकर मदद की उम्मीद बंधा रहे हैं।

गाँव के रास्ते में ही नत्थूलाल के घर के चारों ओर पानी जमा हो गया है जिससे आवागमन का रास्ता भी वाधित है। नत्थूलाल ने बताया कि इससे पहले तक पानी की निकासी हो जाती थी लेकिन हाईवे निर्माण के बाद पुलिया बंद पड़ी है। दरअसल हाईवे की पुल-पुलियों से होकर पानी कस्बे की ओर निकल जाता था। लेकिन सड़क बनाते समय इस पुलिया को बंद कर दिया गया, जबकि वर्षा के पानी का यह मुख्य मार्ग था।

भारतीय किसान यूनियन के नगर अध्यक्ष गंगा सिंह शाक्य ने बताया कि हाईवे पर पहले दो पुलिया थी लेकिन निर्माण के बाद एक पुलिया को हटा दिया गया और अब बची एक पुलिया का रास्ता भी बंद है। पुलिया बंद होने से जल निकासी की व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। पीड़ित किसान ओमपाल, महेंद्र सिंह, भूप सिंह, नरोत्तम, सुनील, नेकराम, मुख्तियार, श्रीपाल, ताराचंद्र, हरप्रसाद, शादाब, राजपाल ने जलजमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिए पुलिया को खोले जाने की मांग की है। किसानों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो फसल पानी में डूबे रहने से गलकर नष्ट हो जाएगी।

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