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सांसद तक पहुंचा डॉक्टर की पीएम पर आपत्तिजनक टिप्पणी और आशा-नर्सों की दलाली का मामला

बदायूं। राजकीय मेडिकल कालेज में तैनात एक महिला डाक्टर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उझानी में आशा-नर्सों की दलाली का मामला सांसद संघमित्रा मौर्या तक पहुँच गया है। इस मामले में सांसद ने संज्ञान में लेकर जांच की बात कही है। सांसद पीएम मोदी के जन्मदिन पर सेवा सप्ताह के तहत उझानी के सीएचसी पहुँचीं थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर उझानी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उझानी में सेवा सप्ताह के तहत सांसद संघमित्रा मौर्या ने मरीजों को फल वितरित किए। सांसद ने अस्पताल में मरीजों से बातचीत कर उनका हाल चाल जाना। संघमित्रा मौर्या ने वहां उपस्थित चिकित्सकों से अस्पताल की व्यवस्थाओं की जानकारी भी ली। इस दौरान भाजपा नगर अध्यक्ष राहुल शंखधार, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी शंकर गुप्ता, नगर महामंत्री योगेश प्रताप सिंह सहित तमाम भाजपा नेता मौजूद रहे।

पत्रकारों से बातचीत में राजकीय मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर द्वारा पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी से जुड़े सवाल पर उन्होंने जिलाधिकारी से बात कर मामले में कार्यवाई की बात कही। उन्होंने कहा इस मामले को संज्ञान में लिया जायेगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो दिन पूर्व आशा-नर्सों की साँठगाँठ से प्रसूता को प्राईवेट अस्पताल भेजने का मामले में भी उन्होंने डॉक्टर से बातचीत करने की बात कही है।

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उल्लेखनीय है कि रविवार को सीएचसी में भर्ती प्रसूता को आशा-नर्सों ने प्राईवेट अस्पताल रवाना कर दिया। कोतवाली क्षेत्र के गाँव अब्दुलागंज निवासी गीता को रविवार सुबह अस्पताल में भर्ती करवाया गया था लेकिन मोबाइल चलाने में व्यस्त नर्सों ने उसकी देखरेख नही की। प्रसूता की प्रसव पीड़ा बढ़ने पर जब परिजनों ने नर्सों से कहा तो उन्होंने उसे प्राईवेट अस्पताल भेज दिया। जहाँ उसके नवजात बच्चे की मौत हो गयी।

इसके अलावा राजकीय मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में डॉ. साबिया ने एक मरीज को देखने के बाद बाहर प्राइवेट मेडिकल स्टोर की दवा लिखी थी। जिस पर मरीज ने आपत्ति जताते हुए वजह पूछी लेकिन महिला डाक्टर साबिया को कहा कि मेडिकल कालेज में एक रुपये के पर्चा पर फ्री देख लिया यह कम है। अगर ज्यादा सबकुछ फ्री चाहिए तो प्रधानमंत्री मोदी से मिलो और उन्हीं से दवाएं मांगो, वही फ्री दवाएं देंगे। साबिया ने मरीज से कहा कि सरकार बजट नहीं देती, यहाँ दवा नहीं है, बिल्डिंग भी अधूरी है और मोदी जी विदेश घूमते रहते हैं। मरीज ने महिला डॉक्टर का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था। इस मामले में जांच प्राचार्य डॉ. आरपी सिंह तक पहुंची तो उन्होंने डॉ. साबिया को माफी देकर ही मामला रफा दफा कर दिया था।

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