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गेहूं खरीद में किसानों के साथ कमीशन खोरी

उझानी। किसानों की खून पसीने की गाढ़ी कमाई गेहूं की फसल का सरकारी लाभ नहीं मिल पा रहा है। किसानों को लूटने के लिए तरह-तरह के पैंतरे अपनाए जा रहे हैं। सरकारी खरीद केंद्रों पर क्या और कैसे लूट खसोट की जा रही है। किसी को कोई फिक्र चिंता नहीं है।

सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति कुंतल तय किया है। जनपद में मंडी समिति से लेकर ग्रामीण अंचलों तक सरकारी क्रय केंद्र खोले गए हैं। किसान अपनी फसल गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य लेने के उद्देश्य से सरकारी खरीद केन्द्र पर पहुंचता है। जिससे किसानों को सरकार की योजना का लाभ मिल सके लेकिन उझानी कृषि उत्पादन मंडी समिति में खुले सरकारी खरीद केंद्रों पर किसानों का खुलेआम शोषण हो रहा है। केंद्र प्रभारी व उनके दलाल किसान से प्रति क्विंटल 100-150 रुपये वसूल रहे हैं।

उझानी ब्लॉक के नगला तैय्दपुर निवासी चंद्रकेश नियमनुसार सरकारी बेबसाईट पर पंजीकरण के बाद अपना गेंहू बेचने के लिए पिछले 10 दिनों से मंडी समिति के चक्कर लगा लेकिन अभी तक खरीद नहीं हो सकी। चन्द्रकेश ने बताया कि यहाँ केंद्र प्रभारियों की तरफ गोल-मटोल जवाब दिया जा रहा है। अब बारिश होने के चलते स्थिति और खराब हो गई है। गेहूं भीगने का डर सता रहा है। वहीं मंगलवार को चंद्रकेश जब सेंटर पर पहुँचे तो उनसे 125 रुपये प्रति कुंतल कमीशन माँगा गया।

चंद्रकेश का आरोप है कि जब उन्होंने इसकी वजह पूछी तो केंद्र पर मौजूद शख्स ने उनसे धक्कामुक्की की। साथ ही पंजीकरण के कागज़ पर 125 रुपये और केंद्र पर गेंहू लाने की तारीख लिख दी। जब विवाद बढ़ा तो प्रभारी रुपये मांगने की बात से पलट गया और दो दिन बाद गेंहू लेकर मंडी आने की बात कही। जिसके बाद चंद्रकेश वापस अपने गाँव लौट गया। वहीं इस मामले में मंडी समिति सचिव आर के तिवारी ने प्रभारी से फोन कर मामले की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि मंडी में किसी किसान के साथ अन्याय नहीं होगा, किसान का गेंहू जल्द खरीदा जाएगा।

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