उझानी(बदायूं)। अम्बेडकर पार्क में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा मंगलवार देर रात अराजक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दी थी। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने भारी विरोध किया और घंटों तक हाईवे जाम कर दिया। वहीं गुरुवार सुबह पार्क में दूसरी प्रतिमा लगा दी गई। साथ ही पुलिस ने हाइवे पर जमा लगाने वाले 40-50 अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मौके पर पुलिस की ओर से कराई वीडियो रिकार्डिंग के आधार पर लोगों की पहचान करने में पुलिस जुटी है।
नगर में बाईपास पर डा. अंबेडकर डाॅ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को मंगलवार देर रात अराजक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। सुबह होने पर स्थानीय और अम्बेडकर अनुयाई पार्क में जमा हो गए। सूचना पर इंस्पेक्टर मनोज कुमार, सीओ शक्ति सिंह, एसडीएम सदर एसपी वर्मा भी पहुंच गए। उन्होंने लोगों को समझा-बुझाकर समझा-बुझाकर नई प्रतिमा लगवाने और आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया। इसके बावजूद लोग मानने को तैयार नहीं हुए। अनुयाइयों के गुस्से को देखते हुए आसपास थानों से पुलिस फोर्स भी मौके पर बुला लिया गया।
वहीं अम्बेडकर अनुयाई ईंटें-पत्थर लेकर चौराहे पर बैठ गए। लोहे की बैरिकेडिंग भी लगा दी गयीं। इससे जाम की वजह से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया था। हाईवे के तीनों रास्तों पर वाहनों की कतार लग गई। जब पुलिस ने समझाने की कोशिश की गयी तो कई युवक पुलिसकर्मियों से भी भिड़ गए। कई युवक हाईवे से गुजर रहे वाहनों चालकों से भी बत्तमीजी करते हुए नजर आए। सूचना पर बसपा नेता हेमेंद्र गौतम पार्टी के जिला स्तरीय नेताओं के साथ मौके पर पहुंचे तो माहौल शांत कर जाम खुलवाया। करीबन डेढ़ घंटे के जाम की वजह से आम जनता को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।
महिलाओं-बच्चों को बनाया ढाल
अम्बेडकर प्रतिमा तोड़ने की खबर सुबह से ही आग की तरह फैलना शुरू हो गयी। मौहल्ला गौतमपुरी समेत दूसरे मोहल्ले के युवक पार्क में जमा हो गए। लोगों ने तीन बार जमा लगाने की कोशिश की लेकिन तब पुलिस ने समझाकर लोगों को हटा दिया। कुछ देर में महिलाओं और बच्चों की संख्या भी बढती गयी, इसके बाद उपद्रवियों ने उन्हें पार्क से हाइवे की ओर भेज दिया। जाम लगाने के लिए महिलाएं-बच्चे हाईवे पर बैठ गए। जिसके बाद हालत बिगड़ते चले गए। माहौल की नजाकत को भांपते हुए पुलिस ने आरोपियों की वीडियोग्राफी शुरू की। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की 7 धाराओं में 40-50 अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि इनमे कई उपद्रवियों ने बीते साल मई महीने में सब्जी मंडी पर भी जाम लगाया था। हालाँकि तब पुलिस ने बलप्रयोग कर जाम खुलवा दिया था।
कहीं साजिश तो नहीं?
अम्बेडकर की प्रतिमा को करीब 5 वर्ष पहले भी खंडित किया गया था। उस समय प्रतिमा को मामूली क्षति पहुंचाई गई थी। प्रशासन ने प्रतिमा को बदल दिया गया, साथ ही चारों ओर जाली भी लगा दी गयी। साथ ही इसके दरवाजे पर ताला भी लगाया गया। बताया जाता है कि अमूमन दरवाजे पर ताला पड़ा रहता है। लेकिन मंगलवार रात को जब किसी ने प्रतिमा तोड़ी तब दरवाजे पर ताला नहीं था। साथ ही उपद्रवी चौराहे पर अभी डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा की मांग कर रहे थे, इसके लिए एक लोहे का नवनिर्मित बोर्ड भी लाया गया। एक रात पहले प्रतिमा टूटना और अगली सुबह लोहे का नया बोर्ड तैयार कर लेना भी किसी साजिश का इशारा कर रहा है।