उझानी(बदायूं)। अपराधी ऑनलाइन ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। रविवार को नगर में ऑनलाइन ठगी की कोशिश का नया मामला सामने आया। इसमें फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर व्यापारी के बेटे के रेप केस में पकड़ने की बात कही और मामला रफा-दफा करने के लिए रुपयों की मांग की गई। हालांकि व्यापारी की सूझ-बूझ से ठगी होने से बच गई।
नगर के मोहल्ला साहूकार निवासी केशव गर्ग की स्टेशन रोड पर छाबड़ा मार्केट में सांई बेट्री के नाम से दुकान है। दोपहर में उनके पास एक व्हाट्सएप कॉल आया। कॉलर ने खुद को दिल्ली एसएचओ सत्यपाल सिंह बताया। उसने व्यापारी से पूछा कि आपके कितने बेटे हैं। व्यापारी ने बताया कि उनके 6 बेटे हैं, जवाब देने पर दूसरी ओर से आवाज आई कि दिल्ली में एक गैंगरेप हुआ है, चार लडक़े पकड़े गए हैं जिसमें उनका दूसरे नम्बर का बेटा भी शामिल है। हालाँकि उसने वारदात को अंजाम नहीं दिया है, वो अपने दोस्तों के साथ था। अगर उसे बचाना चाहते हैं तो 40 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दीजिए।
रोते हुए लड़के की सुनाई आवाज
इसके साथ ही उसने किसी अज्ञात रोते हुए लडक़े की आवाज सुना दी। कॉलर ने बेटे को केस में फंसने से बचाने के लिए पैसे लगने की बात कही। कॉल करने वालों ने कहा कि इस बारे में किसी को बताया तो उनके बेटे के साथ अच्छा नहीं होगा। उसके बेटे का करियर वह बर्बाद हो जाएगा। उसी समय व्यापारी के एक परिचित वहां बैठे थे जब उन्होंने मोबाइल लेकर कार्रवाई की धमकी दी तो दूसरी ओर से कॉल काट दिया गया। वहीं व्यापारी ने बताया कि उनका एक ही बेटा है। वो अभी दिल्ली में नहीं हैं। उन्होंने ठग को जानबूझकर 6 बेटे बताए, इससे वो उसके इरादे भांप गए। हालाँकि व्यापारी ने इस सम्बन्ध में अभी स्थानीय कोतवाली में सूचना नहीं दी है।
जबलपुर में छानबीन कर रही है पुलिस
बता दें पिछले दिनों फर्जी एसीपी बताकर सर्राफ आलोक अग्रवाल से ठगी हुई थी। आलोक अग्रवाल भी ठग के इरादों को भांप गए थे। लेकिन आला-अधिकारीयों के दवाब में एसएसआई मनोज कुमार ने फर्जी एसीपी से बात की थी और वो सर्राफ पर ही सेटलमेंट कर लेने का दबाव बना बैठे। सर्राफ ने मामले को निबटाने के लिए कोतवाली में ही पुलिस के सामने 26 हजार 700 रुपए ट्रांसफर कर दिए। आलोक अग्रवाल से ठगी के मामले में कोतवाली पुलिस की एक टीम जबलपुर पहुंचकर छानबीन कर रही है।
सर्राफ आलोक अग्रवाल से पहले पशुधन प्रसार अधिकारी योगेश कुमार से भी ठगी हो चुकी है। कॉलर ने खुद को सीबीआई अफसर बताते हुए उनके बेटे को अपनी गिरफ्त में बताया था। इसके बाद दहशत में आए योगेश ने दो बार में 98 हजार रुपये आरोपी के खाते में ट्रांसफर कर दिए थे। इसके अलावा सर्राफ प्रदीप गोयल को भी धमकाया जा चुका है।
पहले कॉल करने वाले की पहचान करें
आपको ऐसी कोई कॉल आती है तो पहले कॉल करने वाले की पहचान करें। इस तरह के फर्जी कॉल आने पर किसी भी परिस्थिति में अपनी गोपनीय जानकारी नहीं दें। खासतौर पर बैंक खाते, पैन कार्ड या आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी न बताएं। जब भी कोई आपके ऊपर इस तरह के आरोप लगाए तो पुष्टि के लिए अपने बेटे, स्थानीय थाने संपर्क करने की कोशिश करें। इसके साथ ही ऐसा होने पर तुरंत थाने में जाकर शिकायत करें। https://cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करवाएं।