बदायूं। इस्लामनगर थाने में तैनात महिला इंस्पेक्टर सिमरनजीत कौर को एंटी करप्शन टीम ने 50 हजार रुपए की घूस लेते हुए पकड़ा है। वह एक कथित दुष्कर्म पीड़िता के खिलाफ दर्ज आईटीएक्ट के मुकदमे की विवेचना कर रही थीं। महिला इंस्पेक्टर पर आरोप था कि 1 लाख रुपये वह पहले वसूल चुकी थी और पचास हजार की और मांग कर रही थी। सिमरनजीत कौर पर निठारी कांड में भी आरोप लगे थे और उन्हें बर्खास्त किया गया था। आठ साल बर्खास्त रहने के बाद उन्हें तैनाती मिली थी।
सिमरनजीत कौर इस्लामनगर थाने में अपराध निरीक्षक के पद तैनात थीं। कुछ समय पहले उघैती थाना क्षेत्र की एक महिला ने रुदायन कस्बा निवासी रविंद्र शर्मा के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। उसकी विवेचना सिमरनजीत कौर कर रही थीं। इसके बाद रविंद्र शर्मा की पत्नी की ओर से महिला के खिलाफ आईटी एक्ट और रंगदारी मांगने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। उसकी विवेचना भी सिमरनजीत कौर कर रही थीं। महिला का आरोप है कि उस पर दबाव बनाने के लिए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
एक लाख रुपये ले चुकी थीं इंस्पेक्टर
आरोप है कि सिमरनजीत कौर मुकदमे में एफआर लगाने के लिए पीड़िता से रुपए की मांग करने लगीं। एक लाख रुपए की वसूली के बाद सिमरनजीत ने फिर से रुपए की मांग की। इस पर पीड़िता ने एंटी करप्शन में शिकायत की। इसी शिकायत ने एंटी करप्शन टीम को एक्टिव कर दिया। टीम ने ट्रैपिंग की रूपरेखा तैयार की और मंगलवार को सिमरन जीत कौर को 50 हजार रुपए लेते गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में थाना बिनावर में रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है। टीम उन्हें पकड़कर तुरंत बिनावर थाने ले गई, जहां पूरी फर्द तैयार की गई। उसके बाद महिला इंस्पेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। बुधवार को महिला इंस्पेक्टर को बरेली न्यायालय में पेश किया जाएगा। भ्रष्टाचार निवारण संगठन बरेली के सीओ यशपाल सिंह ने बताया कि एफआर लगाने के लिए इंस्पेक्टर 50 हजार रुपये मांग रही थीं। उन्हें इस्लामनगर थाने से रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।
दरअसल, सिमरनजीत कौर नोएडा के चर्चित निठारी कांड में ढुलमुल विवेचना की दोषी पाए जाने के बाद बर्खास्त कर दी गई थी। तब वह सब इंस्पेक्टर थीं, लेकिन करीब 8 साल बाद वह कोर्ट के आदेश से बरी और बहाल हो गई थी। बाद में वह प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर बन गई थी और ट्रांसफर बरेली हो गया था। कुछ दिन बरेली में तैनात रहने के बाद लोकसभा चुनाव से पहले बदायूं भेज दिया गया था बदायूं में इस्लामनगर थाने में इंस्पेक्टर क्राइम बन गई थी।