लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक डिलीवरी बॉय की हत्या कर उसकी लाश बोरे में भरकर इंदिरा नहर में फेंक दी गई। आरोपी ने इससे पहले डेढ़ लाख का मोबाइल ऑर्डर किया था। एक आरोपी हिरासत में है जबकि अन्य फरार है। पुलिस उन्हें तलाश रही है। साथ ही पुलिस डिलीवरी बॉय की लाश को तलाश रही है।
मूलरूप से भरत प्रजापति अमेठी के जामू का रहने वाला था और यहां निशातगंज में रहकर पिछले सात वर्षों से डिलीवरी ब्वाय का काम कर रहा था। 23 सितंबर की रात जब वह घर नहीं पहुंचा तो 24 सितंबर को भाई प्रेम और स्टोर मैनेजर आदर्श ने चिनहट थाने में गुमशुदगी कराई। पुलिस ने तलाश शुरू की तो पता चला कि भरत को आखिरी आर्डर दो मोबाइल के मिले थे, जिसे चिनहट निवासी गजानन ने किया था। पुलिस ने गजानन के मोबाइल लोकेशन की मदद से डिलीवरी ब्वाय को खोजने की कोशिश की। इस बीच पुलिस चिनहट में उसके घर पहुंची और वहां आसपास लगे सीसी कैमरे चेक किए। कैमरे में दिखा कि 23 सितंबर को भरत डिलीवरी देने के लिए गजानन के घर पर आया तो था, लेकिन वहां से निकला नहीं। फुटेज में घर से गजानन अपने दोस्त आकाश और हिमांशु के साथ भरत का डिलीवरी झोला लेकर निकलते हुए दिखा।
पकड़े गए दोनों आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि गजानन ने एक लाख रुपये की कीमत के दो मोबाइल आनलाइन आर्डर किए थे। भरत डिलीवरी देने पहुंचा तो मोबाइल लूटकर लैपटाप के तार से उसका गला कस दिया। इसके बाद उसी के डिलीवरी वाले झोले में शव भरकर इंदिरानगर में नहर में फेंक आए थे। अरोपियों ने डिलीवरी बॉय भरत के साथ बेरहमी से मारापीट की थी। पिटाई से भरत को काफी खून भी बहा था। भरत की हत्या के बाद आरोपियों ने फर्श पर फैले खून को साफ किया। आरोपियों ने फर्श पर फैले खून को पानी से धुला। ताकि सबूत न रहें। इसके बाद शव ठिकाने लगाने के बाद कार की भी साफ-सफाई की थी। ताकि कार में कोई सुबूत बाकी न रहें।
आरोपी बदल रहे बयान, शव को टुकड़ों में करने की आशंका
आरोपी आकाश और हिमांशु लगातार बयान बदल रहे हैं। दोनों गुमराह करने की कोशिश में लगे थे। लेकिन जब पुलिस ने साक्ष्य सामने रख सख्ती से पूछताछ की तब सोमवार को घटना कबूली। आशंका ये भी है कि कहीं शव के टुकड़े कर बैग में तो नहीं भरे? जब बैग बरामद होगा तभी ये पता चल सकेगा।
डीसीपी शशांक सिंह ने बताया कि गजानन उर्फ गजेंद्र ने दो फोन एक वीवो और दूसरा गूगल पिक्सल शॉपिंग साइट फ्लिपकार्ट से ऑनलाइन ऑर्डर किया था। उसका भुगतान कैश ऑन डिलीवरी था। 23 सितंबर की रात को निशातगंज का रहने वाला भरत साहू फोन की डिलीवरी करने गजेंद्र के घर पहुंचा। भरत ने गजेंद्र से दोनों फोन का पेमेंट करने को कहा। इस पर गजेंद्र ने भरत को घर के अंदर बुला लिया। कमरे में आते ही गजेंद्र और उसके एक दोस्त ने मिलकर भरत की गला दबाकर हत्या कर दी।
डीसीपी ने बताया कि निशान देही पर बारबंकी के माती इलाके से गुजरी इंदिरा नहर में तलाश की जा रही है। शव की तलाश के लिए एसडीआएफ की एक टुकड़ी लगी हुई है। इसके साथ ही हत्या से जुड़े अन्य साक्ष्य भी जुटाए जा रहे हैं।