बिल्सी(बदायूं)। सात साल की बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश और सिर कूचकर हत्या करने के मामले में बदायूं की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। चार महीने में सुनवाई पूरी करते हुए जज दीपक यादव की अदालत ने एक लाख 75 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
लोक अभियोजक अमोल जौहरी, प्रदीप भारती व वीरेंद्र सिंह वर्मा ने पीड़ित पक्ष की पैरवी की। अधिवक्ता अमोल जौहरी ने बताया दो महीने तक विवेचना करने के बाद पुलिस ने आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। कोर्ट ने तीन महीने में ही इस मामले की सुनवाई पूरी करके आज फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी जाने आलम उर्फ जैना पुत्र रियाजुद्दीन को फांसी की सजा सुनाई है, डीएनए रिपोर्ट में भी बलात्कार की पुष्टि हुई।
इस मामले में एक यूट्यूबर ने बच्ची व परिवार के नाम का खुलासा कर दिया था। उसके खिलाफ भी कोर्ट ने कार्रवाई के लिए एसएसपी को लिखा है। वहीं सजा सुनाए जाने के बाद बच्ची के पिता का कहना है कि कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है, इससे बड़ा और क्या हो सकता है। मैं अदालत के फैसले से संतुष्ट हूं।
क्या है पूरा मामला?
बिल्सी कस्बे में 18 अक्टूबर 2024 को सात साल की बच्ची अपने घर से सब्जी लेने गई थी लेकिन वह घर नहीं लौटी तो परिवार वालों ने बच्ची के घर ना लौटने की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने एक खंडरनुमा मकान से बच्ची का शव बरामद किया था। उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे। साथ ही चेहरे व गले पर चोट के निशान भी मिले थे। पुलिस ने इस मामले में दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट व हत्या का केस दर्ज किया था।
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी की पहचान आलम के रूप में की गई। उसके बाद उसकी तलाश की जाने लगी। एक सुबह पुलिस और आरोपी की मुठभेड़ हो गई। आरोपी ने फायरिंग की, जिसमें गोली लगने से मनोज सिपाही घायल हो गया। वहीं, आरोपी आलम के पैर में गोली लगी। उसने पुलिस पूछताछ में बताया कि बच्ची से रेप का प्रयास किया। जिस पर बच्ची ने शोर मचा दिया। जिस कारण से उसने ईंट से सिर पर वार करके उसकी हत्या कर दी।