मूसाझाग (बदायूं)। थाना क्षेत्र के गाँव में कथित गैंगरेप पीड़िता का शव लोहे के कुंडे से लटका हुआ मिला। किशोरी की मौत से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। शव के पोस्टमार्टम के बाद पुलिस की निगरानी में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
मूसाझाग थाना क्षेत्र के एक गांव में आज गुरूवार सुबह कथित गैंगरेप पीड़िता का शव घर में लटका हुआ मिला। परिजन सुबह कमरे में पहुंचे तो किशोरी को फंदे पर झूलता देख सन्न रह गए। घटना की जानकारी मिलते ही आईजी, एसएसपी, एसपी सिटी और तमाम अफसर मौके पर पहुंच गए। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। उसके शव का तीन डॉक्टरों के पैनल व वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद देर शाम शव गाँव पहुंचा, जहाँ परिवारजनों को साथ लेकर पुलिस की निगरानी में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
गौरतलब है मूसाझाग थाना क्षेत्र के एक गांव की 15 वर्षीय किशोरी के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया था। परिजनों के मुताबिक गाँव के ही तीन युवक सोमवार रात 12 बजे बन्दूक को नोक पर लडकी को उठाकर ले गए। गांव के प्राथमिक विद्यालय में किशोरी को ले जाकर तीनों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। मंगलवार सुबह किशोरी किसी तरह उनके चंगुल से भाग निकली और घर पहुंचकर परिजनों को अपने साथ हुई दरिंदगी की जानकारी दी। पीड़ित परिवार की तहरीर पर गांव के ही लंकुश व दो अज्ञात के खिलाफ पॉक्सो एक्ट व गैंगरेप की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामला संगीन होने के चलते पुलिस ने लंकुश को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था। बुधवार को किशोरी का पुलिस ने मेडिकल परीक्षण कराया। शाम को पुलिस ने किशोरी को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
वहीं 22 अगस्त को मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि नहीं हुई। एसएसपी अशोक कुमार शर्मा ने बयान जारी कर किशोरी व आरोपी के बीच संबंध होने की बात कही। पुलिस ने मोबाइल रिकार्ड के आधार पर एक महीने में 122 बार बातचीत का दावा किया था। परिजनों के मुताबिक जेल जा चुके आरोपित लंकेश का भाई हरदेव कश्यप पीडि़त परिवार पर फैसले का दबाव बना रहा था। वहीं, पुलिस घटना को प्रेम प्रसंग बता रही थी। पीडि़ता दबाव न झेल नहीं सकी और घर में ही रस्सी के फंदे से मौत को गले लगा लिया।