दहगवां। ब्लाक दहगवां के ग्राम खरखोल के कूड़ा बाबा शिव मंदिर पर 6 फरवरी से भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है जो कि चौथे दिन जारी रहा।
कथा वाचक बाल व्यास सुनील कुमार यादव शास्त्री ने राजा वली की परीक्षा की कथा को ग्रामीणों को सुनाया, उन्होंने बताया कि पुरातन युग में राजा बलि ने अपने जीवन में दान देने का वचन लिया था। कोई याचक उससे जो वस्तु माँगता राजा उसे वह वस्तु देता था। उसके राज्य में जीव-हिंसा, मद्यपान, वेश्यागमन, चोरी और विश्वासघात उन पाँच महापातकों का अभाव था। चहुँओर दया, दान अहिंसा, सत्य और ब्रह्मचर्य का बोलबाला था। आलस्य, मलिनता, रोग और निर्धनता उसके राज्य से कोसों दूर थीं। लोग पारस्परिक स्नेह के साथ रहते थे। द्वेष और असूया को रोकने का भरसक प्रयास किया जाता था। अतः इतने अच्छे राज्य का रक्षण करने के लिए भगवान विष्णु ने भी राजा बलि का द्वारपाल बनना स्वीकार कर लिया था।
इस दौरान मनोज यादव, सत्यपाल यादव, कप्तान यादव, दिनेश यादव, रामपाल, छत्रपाल, राधेश्याम, सुरेश, जुगेंद्र, सुनील, सतेंद्र यादव, हरिनंदन, भगवान सिंह, गिरीश यादव, भुवनेश, धीरेन्द्र, केशव यादव, ब्रजेश यादव, हरवीर यादव आदि ग्रामीण मोजूद रहे।