कछला। माघ पूर्णिमा पर कछला भागीरथ घाट श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। ऐसे में घाट की छटा ही निराली दिखी। पूर्णमासी के चलते बस एवं अन्य वाहनों में भी खासी भीड़ रही। जिससे जाम की स्थिति भी बनी रही।
माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर हजारों लोगों ने भागीरथ घाट पर आस्था की डुबकी लगाई। भोर होते ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। सुबह नौ बजे तक घाट श्रद्धालुओं से भर गया। श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान के बाद पूजन-अर्चन कर परिवार की खुशी के लिए कामना की। गरीबों को दान दिया। ऐसी मान्यता है माघी पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगा नदी में स्नान करने आते हैं। इसलिए जो भी माघी पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान करता है उसको सभी तरह के पुण्य लाभ मिलते हैं। पद्मपुराण के अनुसार बाकी के महीनों में जप, तप और दान से भगवान विष्णु उतने प्रसन्न नहीं होते जितने कि वे माघ मास में स्नान करने से होते हैं। माघ मास स्नान के आलावा दान का विशेष महत्व है। दान में तिल, गुड़ और कंबल का विशेष पुण्य है।
पुराणों में माघी पूर्णिमा के बारे में लिखा है कि इस दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगाजल में विराजमान रहते हैं। धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा कि संवत्सर में कौन-कौन सी तिथियां स्नान-दान में अधिक पुण्यप्रद हैं। तब जवाब में कृष्ण ने कहा, ‘माघ पूर्णिमा, वैशाख और कार्तिक पूर्णिमा समान ही फल प्रदान करती है।’
माघ पूर्णिमा के चलते कछला-उझानी मार्ग पर जाम की स्थिति बनी रही। हाईवे पर दूर तक वाहनों की लंबी कतार लगी रही। वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। पुलिस प्रशासन को जाम खुलने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।