कछला। गंगा दशहरा के पावन पर्व जेष्ठ शुक्ल दशमी को कछला के भागीरथ घाट पर लाखों आस्थावानों ने गंगा में डुबकी लगाई। तमाम श्रद्धालुओं ने गंगा की गोद में आस्था की डुबकी लगाकर अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की।
बुधवार को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है। सुबह से जिला बदायूं, बरेली, शाहजहापुर, पीलीभीत, एटा, कासगंज, के अलावा दूसरे राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश से आए भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। तड़के ही श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर आचमन लिया और पूजन के बाद दान किया। सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार इस दिन गंगा माता का धरती पर अवतरण हुआ था।
इस बार स्नान की विशेषता यह है कि प्रत्येक दस योग में स्नान होगा। खास बात यह है कि आनंद योग और हस्त नक्षत्र का संगम कई वर्ष बाद हो रहा है। शुक्ल नक्षत्र में दशमी के दिन इस नक्षत्र का आना और भी पुण्यदायी माना गया है। इस दिन शरीर से किए हुए दस प्रकार के कायिक पाप गंगा स्नान से मुक्त हो जाते हैं। दशहरे का स्नान मानसिक तापों से भी मुक्ति दिलाता है। मनुष्य के दस पापों का शमन दशहरे के दिन स्नान से हो जाता है।
गंगा दशहरा के दिन भारी भीड़ की वजह से प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। भक्तों द्वारा गहरे पानी में जाने की आशंका जताते हुए रस्सियों की मदद से बैरीकेडिंग की गयी, रस्सी के दूसरी ओर गोताखोर की नावें मौजूद हैं। जाम से बचने को पुलिस ने बडो वाहनों के लिए रूट डायवर्ट किया। वहीं गंगा स्नान के लिए आने वालों वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गयी है। हालाँकि जब भी जाम की स्थिति बनी तब प्रशासन ने ज्यादा वक्त तक जाम को टिकने न दिया। रेलवे स्टेशन पर भीड़ की वजह से अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है, दोपहर करीबन 1 बजे कासगंज जाने वाली ट्रेन जब कछला पहुंची तब यात्री ट्रेन की छत और इंजन पर चढ़ गए जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें दौड़ाया।
गर्मी की मार में श्रद्धालुओं को राहत पहुंचाने के लिए शहर से लेकर गंगा घाटों तक समाजसेवियों द्वारा शर्बत की प्याऊ लगाई गई है। गंगा दशहरा पर मौसमी फलों के दान का विशेष महत्व माना गया है। त्योहार को लेकर मंगलवार को देर रात तक बाजार में खरबूज, तरबूज और आम की खूब बिक्री हुई, वही कछला की ओर जाने वाले रास्ते में ग्रामीण फल बेचते हुए नजर आए।