उझानी (बदायूं)। कोतवाली क्षेत्र में नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म मामले की जाँच के मामले ने शनिवार को नया मोड़ ले लिया। कोर्ट के आदेश के बाद गर्भवती किशोरी के मृत बच्चे के डीएनए जांच के लिए पुलिस ने कब्र खोदी तो उसका शब गायब मिला। किशोरी के भाई ने करीबन 8 दिन पहले चुपचाप मृत बच्चे के शव को दफना दिया था।
कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी अनुसूचित जाति की 6 माह की गर्भवती किशोरी ने 5 जून को पड़ोसी युवक पर बलात्कार का आरोप लगाया था। शिकायत में किशोरी ने कहा कि विक्रम मौर्या घर वालों की गैरमौजूदगी में उसके घर आता था, उसने मुझे प्रेमजाल में फंसाकर शारीरिक सम्बन्ध बनाए। वहीं जब किशोरी का पेट भारी हुआ तो उसकी माँ ने डॉक्टर को दिखाया। जांच में किशोरी को पता चला कि उसे 6 माह का गर्भ है। जिसके बाद बलात्कार का मामला दर्ज करवाया गया, एसएसपी के निर्देश पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। जिसके बाद पुलिस ने विक्रम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
वहीं प्रसव पीड़ा के बाद किशोरी को उझानी सीएचसी लाया गया जहाँ उसने 6 सितम्बर को एक मृत लडकी को जन्म दिया। किशोरी के भाई के मुताबिक उसने चुपचाप शव को भैंसोर नदी किनारे गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।
मृत लड़की के जन्म की खबर आरोपी विक्रम के परिजनों को मिली तो उन्होंने कोर्ट में डीएनए जांच की मांग की। विक्रम का कहना है कि नवजात बच्ची उसकी नहीं है। कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को तहसीलदार सदर रामनारायन सिंह, सीओ विनय कुमार, जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. राजेश वर्मा, फार्मासिस्ट योगेंद्र अधिकारी, एलटी वीरसिंह गाँव पहुंचे। उन्होंने किशोरी के भाई द्वारा बताये गए गड्डे को खुदवाया लेकिन वहां शव गायब था। पुलिस ने घटनास्थल से कुछ कपड़ों के अवशेष जरुर जब्त कर लिए हैं। वहीं आरोपी के पिता ने सवाल उठाते हुए कहा कि मात्र आधा फीट छोटे से गड्डे में शव को कैसे दफनाया जा सकता है। उन्होंने कहा साजिश के तहत मेरे बेटे को फंसाया गया है।