उझानी (बदायूं)। वर्दी की ठसक यूपी में पुलिसवालों को मनोबल बढ़ा रही है। अपराधियों पर लगाम भले ही न कस सके हो लेकिन पीड़ितों और लाचारों पर इनका रौब खूब चल रहा है। थाने में तैनात दरोगा की अभद्रता, अमानवीय व्यवहार से तंग आकर युवक ने एसएसपी से मदद की गुहार लगाई है।
उझानी के मो. श्रीनारायणगंज निवासी आशीष शर्मा नगर पालिका में लिपिक पद पर कार्यरत हैं। आशीष का अपनी पत्नी से तलाक का मामला कोर्ट में लंबित है। जिसके बाद से ही अपनी दो बेटियों, माँ के अलावा एक मामा की बेटी की जिम्मेदारी उसके कन्धों पर है। आशीष के मुताबिक कोर्ट ने पत्नी के भरण पोषण के लिए 3500 रुपए महीने तय किए थे लेकिन कुछ वक्त बाद न्यायालय के समक्ष ही पत्नी ने रुपए लेने से इंकार कर दिया। शुक्रवार को नगर पालिका के साथी कर्मचारी ने बताया कि कस्बा इंचार्ज शिवेंद्र भदौरिया ने उसे बुलाया है जिसके बाद शनिवार शाम को आशीष कोतवाली पहुँच गया। लेकिन वहां दरोगा साहब ने उसके साथ अपराधियों की तरह सलूक किया।
आशीष ने बताया कि दरोगा के आदेश पर दो सिपाहियों ने उसकी जेंब से जबरन 4 हजार रुपए, मोबाइल, गाड़ी की चाबी निकाल ली। दरोगा के आदेश पर आशीष की पेंट भी उतरवा दी गयी और उसके साथ गाली-गलौच की गयी। प्रताड़ना की वजह पूछने पर दरोगा साहब ने कहा कि तेरे खिलाफ एसएसपी के यहाँ से वारंट आया है। जिसके बाद आशीष को हवालात में बंद कर दिया गया।
आशीष ने दरोगा साहब से बात करने की कोशिश की लेकिन उसकी एक न सुनी गयी। आशीष की सूचना पर नगर पालिका सफाई निरीक्षक हरीश त्यागी ने कोतवाली पहुँचकर एसआई शिवेंद्र भदौरिया ने बातचीत की। एसआई भदौरिया ने बताया कि आशीष ने अपनी पत्नी को रुपए भेजना बंद कर दिए हैं, एसएसपी दफ्तर से 38500 रुपए भरने का वारंट आया है। आशीष के कहने पर हरीश त्यागी ने रकम लाकर दरोगा साहब को सौंप दी जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया।
आशीष ने बताया कि दरोगा साहब ने 38500 रुपए की न कोई रसीद दी, न ही मेरे खिलाफ कोई वारंट दिखाया। इसके अलावा जबरन छीन लिए गये 4 हजार रुपए भी नही लौटाए। दरोगा साहब ने उसे किसी मामले में फंसने की धमकी भी दी। दरोगा की दबंगई से खौफजदा आशीष ने एसएसपी से मदद गुहार लगाई है।