बदायूं। सपा कार्यकर्ताओं ने ब्रजपाल शाक्य, हेम सिंह और पुष्पेन्द्र यादव की मौत के मामले में प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसी कड़ी में जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं ने कैंडल मार्च निकाला और इन मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। कैण्डल मार्च में अधिवक्ता संगठन, साहित्यिक संगठन, व्यापारिक संगठन, छात्र संगठन, युवा संगठन सहित विभिन्न संगठनों ने पीड़ित परिवारों के लिए इंसाफ की मांग की।
समाजवादी पार्टी नेता धर्मेन्द्र यादव के निजी सचिव विपिन यादव ने कहा कि विगत दिनों झांसी में फर्जी एनकाउन्टर में पुष्पेन्द्र यादव, फर्जी आरसी के मामले में हवालात में ब्रजपाल शाक्य और कर्ज में डूबे किसान हेमसिंह की मौत हो गयी है। प्रदेश सरकार की ठोको नीति के चलते पुलिस प्रशासन व शासन द्वारा निर्दोष लोगों की हत्यायें की जा रही है तथा आज जनता पर फर्जी मुकदमे लगाकर जेल भेजने का कार्य किया जा रहा है।
पूर्व सांसद प्रतिनिधि अवधेश यादव ने कहा कि अगर शासन व प्रशासन ने अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया तो समाजवादी पार्टी बढे पैमाने पर जनता के हितो के लिए सडक पर उतकर सघंर्ष करने के लिए बाध्य होगी। कैण्डल मार्च के बाद शहीद स्थल पर दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गयी।
इस मौके पर भानू प्रकाश भानू, स्वाले चैधरी, इन्दू सक्सेना, शशांक यादव, तनवीर हसन खां, भूराज सिंह, अनिल यादव, मोतशाम सिद्दीकी, मो0 मियां, दिनेश कुमार, उमर सलमानी, फैजान आजाद, प्रभात अग्रवाल सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
गौरतलब है बिल्सी थाना क्षेत्र सदरपुर गांव निवासी किसान हेमसिंह (52) ने साल 2010 में भूमि विकास बैंक से 80 हजार रूपए मुर्गी पालन के लिए कर्ज लिया था। जिसे वह चुका नहीं पा रहा था। उसका व्याज ढाई लाख रुपए से ज्यादा होने के चलते उसकी आरसी भी कट गई। इसी के चलते बैंक कर्मचारी हेम सिंह पर दबाव बना रहे थे। इससे परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली।
वहीं विद्युत विभाग की आरसी पर दुर्गपुर जरीफनगर निवासी ब्रजपाल को सहसवान तहसील के बंदीगृह में 23 सितंबर को बंद किया गया था। जहां बृजपाल की तीन अक्टूबर को अचानक तबियत बिगड़ने के बाद उपचार को ले जाते समय मौत हो गई। डीएम दिनेश कुमार ने पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच शुरू कराई है।
इसके आलावा झांसी में बीते दिनों पुलिस के साथ एनकाउंटर में पुष्पेंद्र यादव की मौत हो गई थी। मृतक के परिजनों को आरोप है कि पुलिस ने लेनदेन में समझौता नहीं होने कारण पुष्पेन्द्र की गोली मारकर हत्या कर दी।