बदायूं। भारत में कोरोना महामारी अब तक के सबसे भयावह दौर में हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान में कोरोना का संक्रमण सबसे ज्यादा है। वहीं यूपी में भी स्थिति कुछ खास ठीक नहीं है। लॉकडाउन से अनलॉक के इस सफर में लोगों की लापरवाही अब बढती जा रही हैं।
शौक़ बहराइची की कुछ पंक्तियाँ हैं, ‘बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था, यहाँ हर शाख़ पर उल्लू बैठा है, अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा।” शौक़ की यह पंक्तियाँ वर्तमानों हालातों पर एकदम सटीक बैठती हैं। जनपद में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 6 अप्रैल को सामने आया था। महाराष्ट्र से आए हुए तबलीगी जमात के युवकों से शुरू हुआ यह सिलसिला बैंक के अधिकारी पर थम गया, जनपद के 16 मरीज करीबन एक महीने में ठीक हो गए। मुंबई, आंध्र प्रदेश और बुलंदशहर के जमातियों व एक नेपाल और जिले के लोग संक्रमित हुए थे। लापरवाही करने वालों पर प्रशासन का जमकर डंडा भी चला। जिसके बाद भारत सरकार और राज्य सरकारों के सामंजस्य से अनलॉक की शुरुआत हुई। लेकिन इस अनलॉक में मिली छूट का अब बेहिसाब फायदा उठाया जा रहा है।
शुक्रवार को कस्बा उझानी में एक सर्राफा कारोबारी कोरोना पॉजिटिव निकला। जिसके बाद स्टेशन रोड स्थित उसके घर के आसपास का एरिया सील कर दिया गया। लेकिन सर्राफा कारोबारी कोरोना सैंपल लिए जाने के बावजूद पिछले दिनों से अपनी दुकान पर बैठ रहे थे। जिस वजह से कछला रोड भी सील किया गया। दोनों ही जगह को हॉटस्पॉट मानकर बैरेकेडिंग कर लोगों की आवाजाही पर प्रतिबन्ध लगाया गया। देर रात किसी ने कछला रोड की बैरेकेडिंग हटा दी जिसके बाद लोगों ने अपनी जिम्मेदारियों से एकदम पल्ला झाड़ते हुए आवागमन शुरू कर दिया। पुलिस प्रशासन को जब इसकी सूचना मिली तो बैरेकेडिंग ठीक करवाई गयी।
शनिवार सुबह को स्टेशन रोड हॉटस्पॉट क्षेत्र के लोगों ने बैरेकेडिंग से बाहर आकर अपनी सर्राफा दुकाने खोल ली। बिल्सी रोड पर दो, शोपिंग सेंटर में एक सर्राफे की दुकान खुली, आधे शटर डालकर ग्राहकों की भीड़ जुटाई गई। बताया जा रहा है तीनों ही लोग कोरोना पॉजिटिव शख्स के रिश्तेदार हैं और हॉटस्पॉट क्षेत्र में ही रहते हैं। वहीं जिलाधिकारी कुमार प्रशांत द्वारा जारी गाईडलाइन के मुताबिक शनिवार को सर्राफा दुकान खोलना भी मना है लेकिन इन व्यापारियों ने इस आदेश की भी धज्जियां उड़ा दी। स्टेशन रोड के इस हॉटस्पॉट में कुछ व्यापारियों के घर का पिछला दरवाजा मील कंपाउंड में खुलता है, वहां से भी इनका व्यापार लगातार चल रहा है।
संक्रमण के इस भयावह दौर में कोरोना से बचने की सम्भावना बहुत कम है। लेकिन सैंपल लेने के बावजूद दुकान खोलना, हॉटस्पॉट क्षेत्र से बाहर आना वाकई शौक बहराइची की पंक्तियों को चरितार्थ करता है। यहाँ कोई दिल्ली में कोरोना टेस्ट करवा रिपोर्ट आने से पहले ही जनपद में भाग आता है तो कोई कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आने से पहले ही आँखों का चेकअप करवाने अस्पतालों के चक्कर लगाने निकल पड़ता है। पुलिस प्रशासन बाहर से आए हुए लोगों को घरों में क्वारंटीन करता हैं तो अगले ही दिन वो शख्स गलियों में चक्कर लगाए मिलता है।
लापरवाही का आलम यह है कि प्रशासन की गाईडलाइन का भी लोगों में कोई खास असर नहीं है। निर्धारित समय से पहले और बाद तक लोगों की दुकानें खुलती हैं। जिलाधिकारी कुमार प्रशांत, एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी सहित तमाम आलाधिकारी जहाँ स्थिति को नियन्त्रण करने में हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हर क्षेत्र के हालात पर नजर रखी जा रही है। शासन-प्रशासन लोगों से नियमों का पालन करने की उम्मीद कर रहा है, उन्हें जागरूक करने में जुटा है लेकिन जवाब में उन्हें बस ठेंगा ही दिखाया जा रहा है।