लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आज आधी रात से ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा, हालाँकि प्रदेश में अगले पंचायती चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान अभी तक नहीं हुआ है। ऐसे में प्रदेश में प्रधानी के चुनाव की तारीख तय होने तक सहायक विकास अधिकारी (ADO) ही पंचायत के प्रशासक होंगे।
उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधानों का कार्यकाल आज शुक्रवार को खत्म हो जाएगा, जिसके चलते ग्राम पंचायत के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार को देखने के लिए प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे। इस बार प्रदेश में पंचायत के चारों पदों के लिए एक साथ चुनाव कराने की तैयारी की जा रही है, जिसमें क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य शामिल हैं। उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अगले साल 22 जनवरी तक मतदाताओं की सूची हर हाल में तैयार करने का अल्टीमेटम दिया गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि पंचायत चुनाव का ऐलान जनवरी-फरवरी में हो सकता है।
उत्तर प्रदेश के कुल 58,758 ग्राम पंचायतों के मौजूदा ग्राम प्रधानों का कार्यकाल शुक्रवार को पूरा हो रहा है, तो अगले साल 3 जनवरी को जिला पंचायत अध्यक्ष जबकि 17 मार्च को क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है। प्रदेश में कुल 58,758 ग्राम पंचायतें, 821 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं, जहां चुनाव होंगे।
इस बार योगी सरकार पढ़ लिखे प्रधानों को गांवों के विकास की बागडोर सौंपना चाह रही है। इसलिए चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य करने पर विचार कर रही है। अब अंगूठा टेक व्यक्ति का प्रधान, ब्लॉक प्रमुख अथवा जिला पंचायत अध्यक्ष व प्रतिनिधि नहीं होगा। यूपी सरकार इसका अध्ययन कर रही है। शीघ्र ही कैबिनेट में इसे पास करने की योजना बना रही है।
इसके अलावा ग्राम पंचायत चुनाव प्रक्रिया में सुधार करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है। दो बच्चों से अधिक संतान वालों को ग्राम प्रधानी का चुनाव लड़नेेे से रोका जा सकता है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए यूपी सरकार इस पर भी फैसला ले सकती है। पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों के संपूर्ण विकास व सुधार के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। सरकार चुनाव कराने की तैयारी में जुटी है। शैक्षिक योग्यता एवं दो बच्चों वाले नियम पर भी विचार हो रहा है।