बदायूं। रविवार को जिला प्रशासन और पुलिस ने एक निजी नर्सिंग होम में छापेमारी की। यहां आशा बहुओं को गिफ्ट बांटने और अन्य कई खामियां मिलने पर पूरे नर्सिंग होम में सील कर दिया गया। साथ ही नर्सिंग होम में मौजूद 35 आशाओं को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। बता दें कि पिछले साल भी अनियमितता मिलने पर इस नर्सिंग होम में छापा मारा गया था।
मामला थाना सिविल लाइन इलाके के नवादा स्थित आयशा नर्सिंग होम का है। संचालक द्वारा प्रसूताओं को नर्सिंग होम पर भर्ती कराने के लिए आशाओं को गिफ्ट वितरित किए जा रहे थे। ताकि आशाएं मरीज व प्रसूताओं को नर्सिंग होम ज्यादा से ज्यादा लेकर आएं। दरअसल आशा बहुएं प्रसूता को प्राइवेट हॉस्पिटल में डिलीवरी के लिए मोटिवेट करती हैं। महिला अस्पताल में बेहतर सुविधा न होने की बात कह कर महिला को प्राइवेट नर्सिंग होम में लाया जाता है। इसके बदले आशाओं को नर्सिंग होम से कमीशन मिलता है। इस आयोजन की सूचना जब जिलाधिकारी कुमार प्रशांत को लगी तो उनके आदेश पर तहसीलदार सदर करनवीर सिंह, प्रभारी सीएमओ डॉ. प्रमोद कुमार, सिविल लाइंस इंस्पेक्टर सुधाकर पांडेय और महिला थाना एसओ रेनू सिंह पुलिस बल के साथ नर्सिंग होम पर पहुंच गए। इससे मौके पर अफरातफरी मच गई। छापेमारी के दौरान नर्सिंग होम में आशा बहुओं को दिए जा रहे गिफ्ट भी बरामद हुए हैं। पुलिस ने नर्सिंग होम के संचालक और दो महिला स्टाफ को भी हिरासत में ले लिया है। उन्हें आशा वर्करों के साथ सिविल लाइंस थाने लाया गया।
तहसीलदार कर्मवीर ने बताया कि नर्सिंग होम के अंदर आशा बहुओं को गिफ्ट बाँटें किए जा रहे थे जबकि आशाओं को सरकार सैलरी देती है। आशाएं निजी नर्सिंग होम में मरीजों को लाने और ले जाने का काम कर रही थीं। इस पर उन्हें हिरासत में लेकर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया है। फिलहाल सभी आशाओं से थाना सिविल लाइन में पूछताछ की जा रही है।