उझानी। कोविड-19 महामारी के कारण लागू सामाजिक दूरी के नियम का उल्लंघन करने पर गुरुवार को साप्ताहिक बाजार को बंद करने का आदेश दिया गया। पिछले तीन सप्ताह से लग रहे इस बाजार में भारी भीड़ जुट रही थी।
कड़ाके की सर्दी और महंगाई के इस दौर में गरीब तबके के लोगों के सामने साप्ताहिक बाजार ही विकल्प रहता है। इसमें लोगों को सस्ती कीमतों पर वस्त्र व अन्य घरेलू सामान मिल जाता है। हर बुधवार को लगने वाले इस बाजार से कपड़े खरीदकर एक ओर जहां आम आदमी ठंड से बच जाता है, तो वहीं दूसरी ओर उसका बजट भी नहीं गड़बड़ाता। लेकिन अब नगर के रामलीला मैदान पर लगने वाले साप्ताहिक बुध बाजार को बंद कर दिया गया है। नगर पालिका प्रशासन ने इसके लिए कोविड नियमों का उल्लंघन का हवाला दिया है। कोरोना महामारी के बावजूद लोग गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में संक्रमण का फैलाव अधिक हो सकता है।
व्यापारियों ने भी जताया था विरोध
रामलीला मैदान में बुध बाजार के लिए नगर पालिका ने पिछले साल 28 दिसम्बर को अनुमति दे दी थी। साप्ताहिक बाजार के पहले दिन तो बाजार में कम भीड़ नजर आई लेकिन दूसरे और तीसरे सप्ताह बाजार में उमड़ी भीड़ ने मुख्य बाजार की रौनक छीन ली। बाजार में सस्ते दामों पर मिलने वाले दैनिक जीवन के सामान ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। सस्ते दामों की वजह से साप्ताहिक बाजार में सबसे ज्यादा खरीदारी कपड़ों की हुई जिससे बड़े व्यापारी उखड़ गए। उन्होंने इसके विरोध में ज्ञापन भी दिया था।
तो क्या वापस लौटेगा बुध बाजार?
कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत के बाद संक्रमण का प्रकोप लगातार घट रहा है। अब मंदिरों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं और पहले की तरह घंटियों की गूंज भी सुनाई देने लगी है। मस्जिदों में नियमित अजान हो रही है, वहीं स्कूल भी खुलने लगे हैं। सिनेमा के लिए बीता एक वर्ष कोरोना महामारी के कारण काफी बुरा रहा। इसके अलावा कोरोना की वजह से लोग शादियों में खुलकर खुशी नहीं मना पाए थे। एक बार फिर से विवाह शादियों का सीजन शुरू होने वाला है। तो उम्मीद की जा रही है कि शादी समारोहों में पुन: रौनक लौट सकेगी। ऐसे में आम आदमी को राहत देने वाला साप्ताहिक बुध बाजार कुछ समय वाद वापस लौट सकता है। धर्मार्थ कामधेनु गौशाला के प्रबंधक सर्वेश गुप्ता ने बताया रामलीला मैदान पर बाजार लगाने के लिए एक साल का करार हुआ है।