लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जनपदों में नाइट कफ्यू के बाद सरकार ने साप्ताहिक लाकडाउन का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश भर में 15 मई तक हर रविवार को साप्ताहिक लाकडाउन रहेगा। यह लॉकडाउन शनिवार रात 8 बजे से सोमवार सुबह 7 बजे तक 35 घंटों का होगा। जरूरी सेवाओं को छोड़कर किसी को भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। अब पहली बार बिना मास्क पकड़े जाने पर 1000 रुपए का जुर्माना लगेगा। दोबारा पकड़े जाने पर 10 गुना अधिक जुर्माना वसूला जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, सीएमओ और टीम-11 के सदस्यों साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 15 मई तक शनिवार रात आठ से सोमवार सुबह सात बजे तक साप्ताहिक लाकडाउन रहेगा। इस दौरान शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और सैनिटाइजेशन का विशेष अभियान चलाया जाएगा। अब रविवार को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर पूर्णतया बंदी रहेगी। इस पर बड़े स्तर पर सैनिटाइजेशन अभियान चलेगा। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में प्रतिदिन डीएम, पुलिस कप्तान और सीएमओ नियत समय पर बैठक करें। स्थानीय स्थिति की समीक्षा कर आगे की रणनीति तय करें। अस्पताल में इलाजरत तथा होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की जरूरतों और समस्याओं का पूरा ध्यान रखें। सीएम हेल्पलाइन 1076 के माध्यम से मरीजों से लगातार संवाद बनाए रखा जाए। हर दिन की स्थिति से मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया जाए।
उन्होंने निर्देश दिया कि लखनऊ में 1000 बेड का नया कोविड हॉस्पिटल स्थापित किया जाए। डिफेंस एक्सपो आयोजन स्थल इसके लिए बेहतर स्थान हो सकता है। इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई तत्काल सुनिश्चित की जाए। उत्तर प्रदेश में सभी के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है। पहली बार मास्क के बिना पकड़े जाने पर ₹1000 का जुर्माना लगाया जाए। अगर दूसरी बार बिना मास्क के पकड़ा जाए तो दस गुना अधिक जुर्माना लगाया जाना चाहिए। यह निर्णय कोविड की समीक्षा बैठक में लिया गया है।
इसके साथ ही सीएम ने कहा कि होम आइसोलेशन में निवासरत लोगों की सुविधाओं और जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। ऐसे मरीजों को सभी प्रकार की आवश्यक दवाओं को समाहित करते हुए मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। मेडिकल किट में न्यूनतम एक सप्ताह की दवा जरूर हो। दवाओं की कहीं कोई कमी नहीं है। इस कार्य की हर दिन समीक्षा की जाए। कोविड टेस्ट के लिए सरकारी और निजी प्रयोगशालाएं पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। कोविड टेस्टिंग के लिए शासन स्तर पर दरें भी तय की जा चुकी हैं। जिला प्रशासन क्वालिटी कंट्रोल के साथ इन व्यवस्थाओं को लागू किया जाना सुनिश्चित करें।