उझानी। कोतवाली पुलिस ने छापा मारकर एक घर से 13 भैंस वंशीय पशुओं को मुक्त कराया। छापेमारी की भनक लगते ही आरोपित भाग निकले। आरोपित कस्बे के ही मीट कारोबारी हैं। पुलिस ने आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है।
शासन ने गोवंशीय पशुओं के वध करने पर प्रतिबंध कर रखा है, जबकि अन्य जानवरों के लिए स्लाटर हाउस में ही काटने की परमीशन है। स्लाटर हाउस से लेकर मीट बेचने तक के लिए लाइसेंस अनिवार्य है। इसके इतर कस्बे में कई लोग चोरी छिपे जानवरों को लेकर घर में कटान कर उनका मीट बेचते हैं। शनिवार देर रात करीबन 1 बजे लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए गश्त के दौरान दरोगा रामेन्द्र सिंह को एक घर में पशुओं के होने की सूचना मिली। इस पर उन्होंने वहां छापा मार दिया। उन्होंने जब घर के अंदर घुसकर नजारा देखा तो पांच लोग पटरों के साथ मौजूद थे।
पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की तो तंग गलियों का फायदा उठाकर पाँचों आरोपी भागने में कामयाब हो गए। इसके बाद पुलिस पशुओं को कोतवाली ले आई। यहाँ रामेन्द्र सिंह ने पशुओं के चारा-पानी की व्यवस्था की। पुलिस ने आरोपियों की पहचान गट्टू पहलवान, आशू, जुबेर, प्रवेश, बबलू के तौर पर की है, इन सभी के खिलाफ दरोगा की शिकायत पर पशु क्रूरता की धारा में मुकदमा लिखा गया है। बताया जा रहा है कि आरोपी मीट कारोबारी हैं और इन पशुओं को कटान के लिए घर में रखा गया था।