मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ एसटी हसन एक बार फिर अपने बेतुके बयान की वजह से सुर्खियों में हैं। सांसद ने तूफान और देश में फैली कोरोना महामारी की वजह केंद्र सरकार द्वारा शरीयत में दखलंदाजी और मुस्लिम समाज के साथ की गयी नाइंसाफियों को बताया है।
समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा कि हर आदमी को अपनी पीठ थपथपाने का हक है। देश के हाकिम अपनी पीठ थपथपाते रहे लेकिन इन सात सालों में जनता की हालत किसी से छिपी नहीं है। लोगों के साथ भेदभाव हुआ है। ऐसे कानून बना दिए गए जिसमें शरीयत में दखल दिया गया है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में नागरिकता कानून भी बना दिया गया है जिसमें सिर्फ मुसलमानों को नागरिकता नहीं मिलेगी। बाकी सबको मिल जाएगी।
सांसद ने कहा कि सरकार ने जो नाइंसाफियां लोगों के साथ की हैं उसी की वजह से देश में दो बड़े तूफान आ गए और कोरोना की वजह से हजारों लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि हम यह मानते हैं कि दुनिया को चलाने वाला और इंसाफ करने वाला कोई और है। अगर जमीन वाले इंसाफ नहीं करते तो आसमान वाला करता है। जब वह इंसाफ करता है तो उसमें किंतु परंतु नहीं होता।
सांसद एसटी हसन ने गंगा घाट पर शवों को दफनाए जाने का भी मुद्दा उठाया। नदियों में शव बह रहे हैं साथ ही उन्हें कुत्ते नोंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्मशानों में लकड़ियां तक पूरी नहीं पड़ रही हैं। देश में जिस तरह की सरकार और हाकिम है, उन्हें आशंका है कि आने वाले समय में और भी आसमानी आफतें आ सकती हैं।