लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने अपने 11 जिलाध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया है। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद जिलाध्यक्ष पदमुक्त कर दिए गए हैं, यह वहीं जिले हैं जहाँ भाजपा निर्विरोध जीती है।
यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव पहले नतीजों से समाजवादी पार्टी को झटका लगा है। प्रदेश में 16 जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर बीजेपी के उम्मीदवारों निर्विरोध जीत दर्ज की है जिसके बाद सपा प्रमुख के निर्देश पर समाजवादी पार्टी यूपी अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने 11 जिलाध्यक्षों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। पार्टी ने तत्काल प्रभाव से गोरखपुर, मुरादाबाद, झांसी, आगरा, गौतमबुद्ध नगर, मऊ, बलरामपुर, श्रावस्ती, भदोही, गोंडा, ललितपुर के जिलाध्यक्षों को हटा दिया है।
नामांकन प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इन सभी जिलाध्यक्ष के ऊपर जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की नामांकन प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगने पर हटाया है। गोंडा से सपा प्रत्याशी ने पर्चा ही नहीं दाखिल किया था। श्रावस्ती में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सपा प्रत्याशी का नामांकन नहीं हुआ। गोरखपुर में सपा के अधिकृत प्रत्याशी आलोक कुमार गुप्ता ने नामांकन नहीं किया, उनकी जगह सपा ने जितेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाकर नामांकन कराना चाहा लेकिन रास्ते में भाजपा समर्थकों से कहासुनी शुरू हो गई। झड़प के बीच जितेंद्र यादव भी नामांकन नहीं कर सके।
बलरामपुर में सपा ने किरन यादव को प्रत्याशी बनाया है. लेकिन वो भी 26 तारीख़ को नामांकन नहीं कर सकीं। गाज़ियाबाद में सपा ने धौलाना से विधायक असलम चौधरी की पत्नी नसीम बेगम को उम्मीदवार बनाया है लेकिन नामांकन के दिन उनके प्रस्तावक जिला मुख्यालय तक नहीं पहुंचे। इसके बाद पार्टी ने रजनी खटिक को प्रस्तावक बनाया लेकिन वो भी गायब हो गयीं।
वहीं हमीरपुर जिले में समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए प्रत्याशी वंदना यादव को एक प्रस्तावक भी नहीं मिला, जिसकी वजह से वे नामांकन नहीं कर सकीं। जिला पंचायत अध्यक्ष की रेस से उन्हें बाहर हो जाना पड़ा। वंदना यादव इससे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष थीं। सपा का कहना है कि कई जिलों में भाजपा ने उनके प्रत्याशियों का अपहरण करा लिया है, ताकि वे नामांकन न कर सकें और भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध जीत जाएं।
बीजेपी प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय
गोरखपुर, मुरादाबाद, बुलंदशहर, मऊ, सहारनपुर, आगरा, अमरोहा, गोंडा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, झांसी, भदोही, चित्रकूट, श्रावस्ती और बलरामपुर, मेरठ, बांदा से भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली है । वहीं समाजवादी पार्टी के हाथ इटावा की सीट आई है। हालांकि समाजवादी पार्टी की इस सीट पर भी एसपी के प्रत्याशी का निर्विरोध ही निर्वाचन हुआ है।
इन प्रत्याशियों का जीतना तय
आगरा से मंजू भदौरिया, ग़ाज़ियाबाद से ममता त्यागी, मुरादाबाद से डॉ. शेफाली, बुलंदशहर से डॉ. अंतुल तेवतिया, ललितपुर से कैलाश निरंजन, मऊ से मनोज राय, चित्रकूट से अशोक जाटव, गौतमबुद्ध नगर से अमित चौधरी, श्रावस्ती से दद्दन मिश्र, गोरखपुर से साधना सिंह, बलरामपुर से आरती तिवारी, झांसी से पवन कुमार गौतम और गोंडा से घनश्याम मिश्र की जीत तय मानी जा रही है।
गौरतलब है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए शनिवार (26 जून) नामांकन पत्र दाखिल करने की तारीख तय की थी। प्रदेश के विभिन्न जिलों में मिली खबर के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, अपना दल, और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) समेत निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपना पर्चा दाखिल किया है।