लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। इसकी वजह से मरीजों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ीं। फतेहपुर में एंबुलेंस के इंतजार में दो मरीज की मौत हो गई। हड़ताल पर डटे 570 और एंबुलेंस कर्मियों को बुधवार को नौकरी से हटा दिया गया। बर्खास्त किए जाने वालों में एंबुलेंस ड्राइवर व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) शामिल हैं।
सोमवार से जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108-102 एम्बुलेंस संघ ने एम्बुलेंस का चक्का जाम करा दिया। इसकी वजह से हजारों मरीजों की जिंदगी दांव पर लग गई है। जोखिम भरा सफर तय कर गंभीर मरीज ऑटो-रिक्शा से अस्पताल पहुंचाए जा रहे हैं। गंभीर मरीजों की तड़प और आंसूओं से भी एम्बुलेंस कर्मचारियों का दिल नहीं पसीज रहा है।
यूपी में सरकारी एम्बुलेंस का संचालन जीवीकेईएमआरआई कर रही है। 108 व 102 नम्बर पर फोन करने वाले जरूरतमंदों को मुफ्त एम्बुलेंस मुहैया कराई जाती है। प्रदेश में 102 सेवा की 2270 एम्बुलेंस हैं। 108 सेवा की 2200 एम्बुलेंस हैं। एडवांस लाइफ सपोर्ट की 250 एम्बुलेंस हैं। रोजाना 35 से 40 हजार जरूरतमंदों को एम्बुलेंस मुहैया कराई जाती है।
शासन के निर्देश पर एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) के संचालन के लिए नया टेंडर निकाला गया। जिसे दूसरी कंपनी ने जीता। अब प्रदेश में एएलएस एंबुलेंस सेवा की 250 एंबुलेंस चलाने की जिम्मेदारी जिगित्सा हेल्थ केयर को दी गई है। इसमें कार्यरत करीब एक हजार कर्मचारियों को अभी तक जीवीकेईएमआरआइ प्रति माह 13,500 रुपये मानदेय दे रही है लेकिन नई कंपनी ने 10 हजार रुपये वेतन और 20 हजार रुपये ट्रेनिंग के जमा करने को कहा। ऐसे में एलएलएस कर्मियों ने आंदोलन शुरू कर दिया। इनके समर्थन में 108 एंबुलेंस सेवा व 102 एंबुलेंस सेवा के कर्मी भी सोमवार से हड़ताल पर चले गए।
फिलहाल एनएचएम व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पुराना मानदेय ही दिलाने की मांग मान ली, लेकिन अब कर्मचारी सेवा प्रदाता की बजाए सीधे एनएचएम के संविदा कर्मी के रूप में तैनात किए जाने की मांग कर रहे हैं।
जीवीकेईएमआरआइ के यूपी के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट टीवीएसके रेड्डी ने बताया कि एंबुलेंस पर तैनात 570 ड्राइवर व ईएमटी को बर्खास्त कर दिया गया है। यह वे कर्मचारी हैं जो लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और खेमेबाजी कर दूसरे एंबुलेंस कर्मियों को भी हड़ताल करने के लिए उकसा रहे हैं। रेड्डी ने ऐसे और कर्मचारियों को चिन्हित कर बर्खास्त करने की चेतावनी दी है। एंबुलेंस की हड़ताल के लिए कर्मचारियों को बरगलाने वाले एंबुलेंस कर्मचारी संघ के 11 पदाधिकारियों पर एस्मा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
उधर शासन की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह एंबुलेंस की चाबी जमा कराएं और इसे चलाने के लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इसीलिए 102 व 108 एंबुलेंस सेवाओं का प्रभावी संचालन कराया जाए। एंबुलेंस सेवाओं को किसी भी दशा में बाधित नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बुधवार को टीम-9 के साथ बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक जरूरतमंद को एंबुलेंस सेवा समय से प्राप्त हो जाए। ऐसा यदि नहीं होता है, तो संबंधित एंबुलेंस प्रोवाइडर के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।