उझानी(बदायूं)। कोतवाली क्षेत्र के गाँव बसोमा में एडीओ पंचायत सहायक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्यारों ने उसे मारने के बाद शव बाजरा के खेत में फेंक दिया। बुधवार सुबह खेत मालिक जब वहां पहुंचा तो उसे लाश पड़ी मिली। ग्रामीण मंगलवार सुबह से घर से लापता था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं परिजनों ने दरोगा लोकेन्द्र भाटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
बसोमा निवासी 50 वर्षीय रामदयाल पुत्र सुन्दर लाल उझानी ब्लाक में एडीओ पंचायत सहायक पद पर तैनात थे। मंगलवार सुबह करीबन 5 बजे रामदयाल टहलने की बात कहकर घर से निकले थे। सुबह करीबन 9 बजे जब वापस नहीं लौटे तो परिजनों ने खोजबीन की लेकिन उनका पता नहीं लगा। करीबन 1 बजे रामदयाल के बेटे गौरव कुमार ने गुमशुदगी की सूचना पुलिस को दी लेकिन दरोगा लोकेन्द्र भाटी ने इसे गंभीरता से नही लिया और उसे कोतवाली से भगा दिया। शाम करीबन 6 बजे गांव के ही प्रताप सोलंकी के बाजरे के खेत से गुजर रहे बच्चों ने शव दिखा तो उन्होंने शौर मचा दिया। जिसके बाद रामदयाल के परिजन आदि समेत तमाम ग्रामीण मौके पर जुट गए।
सूचना पर थानाध्यक्ष अजय चाहर, दरोगा लोकेन्द्र भाटी मौके पर पहुंचे। बाद में सीओ गजेन्द्र सिंह भी आ गए। उन्होंने घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। पुलिस को शव के पास एक 315 बोर का तमंचा भी मिला है। रामदयाल के दाहिने ओर सीने में गोली लगी है। मृतक के बेटे गौरव कुमार के मुताबिक गांव के ही मुकेश साहू और इन्द्रपाल पंचायत चुनाव के बाद से पिता से रंजिश मानता था। सीओ ने बताया कि रामदयाल के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। परिजनों से पूछताछ कर हत्या का कारण जानने की कोशिश की है, आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
गाँव से खिसका दरोगा लोकेन्द्र भाटी
एडीओ पंचायत सहायक रामदायल का शव मिलने से गाँव में सनसनी फैल गई। रामदयाल का शव के आसपास कीड़े जमा हो चुके थे और सीने के अलावा मुंह से बहा खून जम चुका था। गाँव में जब पुलिस पहुंची तो ग्रामीणों ने नाराजगी व्यक्त की और शव के आसपास इक्कठे हो गए। आरोप लगाया कि दरोगा लोकेन्द्र भाटी ने इस मामले को शुरुआत से ही लापरवाही दिखाई थी। परिजनों से सीओ गजेन्द्र सिंह के सामने दरोगा की शिकायत की। ग्रामीणों का आक्रोश देखते हुए दरोगा वहां से खिसक गया। इस बीच पुलिस ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन नहीं माने। इसके बाद अधिकारियों ने जल्द आरोपी की गिरफ्तारी का भरोसा देकर परिजनों को शांत किया तब परिजनों ने पुलिस को शव उठाने दिया।
दो महीने पहले भी हुआ था हमला
उझानी ब्लाक में एडीओ पंचायत सहायक पद पर तैनात रामदयाल बेहद ही शांत स्वाभाव के व्यक्ति थे। गाँव में उनका कभी किसी से विवाद नहीं हुआ। लेकिन पंचायत चुनाव के बाद से गाँव का मुकेश साहू उनसे रंजिश मानने लगा था। दरअसल मुकेश साहू बीते दो पंचायत चुनाव में प्रधानी के लिए अपनी किस्मत आजमा चुका है लेकिन दोनों ही बार उसे शिकस्त का सामना करना पड़ा। इस बार पंचायत चुनाव के नतीजों में सतेन्द्र साहू के हाथ प्रधानी लगी लेकिन मुकेश ने रामदयाल से अपनी रंजिश मान ली।
बीते 27 जुलाई को रामदयाल देर शाम ब्लाक का काम समाप्त कर बाइक से गांव वापस लौट रहे थे। गांव के समीप महालक्ष्मी कोल्ड स्टोर के पास उन पर तीन लोगों ने घात लगाकर हमला कर दिया। इस हमले में रामदयाल गंभीर तौर पर घायल हुए थे। रामदयाल की पत्नी ने इस मामले में मुकेश साहू समेत दो अज्ञात लोगों के खिलाफ तहरीर दी थी। हालाँकि पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को हिरासत में नहीं लिया था।