उझानी(बदायूं)। गंदे पानी की समस्या का सामना कर रहे नरऊ में आखिरकार मतदान नहीं हुआ। ग्रामीणों द्वारा बीते महीने से मतदान बहिष्कार की चेतावनी को प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया, नतीजतन न उन्होंने एसडीएम की सुनी और न ही सीडीओ की। सुबह से शाम तक जिला निर्वाचन अधिकारी दीपा रंजन का इंतजार तो हुआ लेकिन वो गाँव भी नहीं पहुंची।
उझानी कस्बे के सीमावर्ती और शेखूपुर विधानसभा क्षेत्र के गाँव नरऊ मतदान के लिए प्राथमिक स्कूल को केंद्र बनाया गया लेकिन ग्रामीण सोमवार सुबह से स्कूल के आसपास जमा हो गए लेकिन मतदान के लिए नहीं गए। ग्रामीणों द्वारा मतदान न करने पर पीठासीन अधिकारी समेत मतदानकर्मियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण मतदान के लिए तैयार नहीं हुए। ग्रामीणों ने कहा कि डीएम से बात करेंगे।
ग्रामीणों द्वारा चुनाव बहिष्कार की सूचना प्रशासन तक पहुंची तो दोपहर में उपजिलाधिकारी सदर एसडीएम सुखलाल वर्मा गाँव पहुँचे। उन्होंने ग्रामीणों से नोटा दबाने के लिए भी कहा लेकिन ग्रामीण इसके लिए भी नहीं माने। इसके बाद सीडीओ ऋषि राज ने भी गाँव पहुंचकर ग्रामीणों से बात की लेकिन ग्रामीणों पर कोई असर नहीं हुआ। देर शाम तक ग्रामीणों से लेकर प्रशासन तक जिला निर्वाचन अधिकारी दीपा रंजन का इंतजार किया लेकिन वो गाँव नहीं पहुंची। शाम 6 बजे मतदान का निश्चित समय खत्म हो जाने के बाद ग्रामीणों धीरे धीरे घरों की ओर लौट गए।
वर्षों पुरानी है समस्या
उझानी ब्लॉक के गाँव नरऊ में वर्षों से गंदे पानी की समस्या है। कस्बे का गंदा पानी नालों से होते हुए गांव के तालाब में पहुँचता है जिसका इस्तेमाल सिंचाई के लिए हुआ करता था लेकिन अब यह पानी तालाब से निकलकर ग्रामीणों के खेतों और घरों तक पहुँच गया है। इस समस्या की वजह से किसानों करीब हजार बीघा भूमि पानी में डूबी हुई है। गंदे पानी की वजह से भू-गर्भ का पानी भी संक्रमित हो गया है। ग्रामीण हमेशा ही संक्रामक रोगों की चपेट में रहते हैं। कई लोग संक्रामक बीमारियों के चलते जान गवां चुके हैं। ग्रामीण जनप्रतिनिधियों समेत आला-अधिकारियों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिये वर्षों से मांग करते आ रहे हैं लेकिन यह समस्या अभी तक खत्म नहीं हुई है।
जनवरी में बहिष्कार की चेतावनी
विधानसभा चुनाव करीब आते ही ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार की चेतावनी डे डाली थी। ग्रामीणों ने जनवरी माह की शुरुआत में ही गांव के मुख्य रास्ते पर बैनर लगा दिया था कि गंदे पानी की समस्या से निजात नहीं मिली तो चुनाव का बहिष्कार कर दिया जाएगा। इसके बाद फरवरी माह में सदर एसडीएम सुखलाल वर्मा ने ग्रामीणों से भी की थी।