उझानी। क्षेत्र में साढ़े तीन लाख रुपए की लूट की झूठी खबर देकर ग्रामीण ने सनसनी फैला दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब पड़ताल की तो घटना झूठी निकली। छानबीन हुई तो पता चला कि ग्रामीण पर काफी कर्ज है, कर्जदारों से कुछ समय मिल जाए इसीलिए ड्रामा रचा था। तब जाकर पुलिस ने राहत की सांस ली।
कादरचौक क्षेत्र के गांव बेहटा डम्बर नगला निवासी ताहिर मियां उर्फ गुड्डू पशुओं की खरीद फरोख्त करता है। दोपहर करीबन साढ़े तीन बजे पीआरवी 112 पर लूट की सूचना दी। उसने कहा कि बाइक सवार बदमाशों ने उससे साढ़े तीन लाख रुपये कैश लूट लिया है। सूचना पर पीआरवी और कोतवाली पुलिस पहुँच गयी। ताहिर ने पुलिस को बताया कि वह सहसवान में नदीम नामक युवक को बेंची गई भैंसों का पौने चार लाख रुपया लेकर अपने घर लौट रहा था इसी दौरान सकरी जंगल और बेनी नगला गांव के बीच बाइक सवार तीन बदमाशों ने उसके ऊपर चाकू से प्रहार करते हुए 3.55 लाख रुपए छीन लिया और फरार हो गए।
इस घटना के बाद पुलिस ने बदमाशों की तलाश की लेकिन कहीं बदमाशों का सुराग नहीं लग सका। लूट की खबर फैलते ही ग्रामीणों की भारी भीड़ भी जमा हो गयी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी सिटी एके श्रीवास्तव भी पहुँच गए।
झूठ के बाद झूठ और फंस गया ताहिर
ताहिर के मुताबिक वह रुपए लेकर अपने घर जा रहा था, तभी लूट की वारदात हुई लेकिन उसने जिस जगह को घटनास्थल बताया, वहां से उसके गाँव के लिए रास्ता नहीं है। ऐसे में सबसे पहला सवाल यही उठा कि वो वहां कैसे पहुँच गया। ताहिर ने पुलिस को बताया कि वो 3.75 लाख रुपए लाया था जिसमे से 3.55 लाख रुपए बाइक सवार युवक लूट कर ले गए बाकि उसके पास हैं। पुलिस को संदेह हुआ कि आखिर आरोपियों ने 20 हजार रुपए क्यों छोड़ दिए?
इसके बाद पुलिस ने उससे लूटे गए नोटों की संख्या पूछी तो वह नहीं बता सका। साथ ही पुलिस ने उससे नदीम का मोबाइल नम्बर मांगा तो उसने किसी गयासुद्दीन नाम के शख्स का मोबाइल नम्बर पकड़ा दिया। ताहिर किसी भी सवाल का ठीक से जवाब नहीं दे रहा था इसके बाद उसने झूठी सूचना देने की बात कबूल ली और एसपी सिटी से माफी मांगी। जिसके बाद उसे थाने लाकर पूछताछ की गयी।
बाइक की चाभी से खुद को खरोंचा
वारदात को सही साबित करने के लिए ताहिर ने बाइक की चाभी से खुद को कई जगह खरोंच लिया। उसने अपने हाथ पर किसी सनकी आशिक की तरह कई निशान बना लिए थे। साथ ही पेट पर चोट मार ली थी।
इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने बताया कि पूछताछ की तो पता चला कि ताहिर पर कई लोगों का पैसा बकाया चल रहा है। जिस वजह से वो मानसिक तौर पर परेशान है। कर्जदारों से बचने के लिए उसने फर्जी लूट का ड्रामा रचा था। ताहिर ने लिखित माफी मांग ली है जिससे मानवता के आधार पर उसके खिलाफ कार्रवाई नही की है।