उझानी/मूसाझाग(बदायूं)। बदायूं में हिंदूवादी नेता प्रदीप कश्यप की हत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने इस मामले में जिस युवती को पूछताछ के लिए बुलाया था, उसकी संदिग्ध मौत हो गई है। युवती के परिजनों ने भी आनन-फानन में उसका अंतिम संस्कार कर दिया वहीं पुलिस भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
मूसाझाग थाना क्षेत्र निवासी विश्व हिंदू सेवा दल के जिलाध्यक्ष प्रदीप कश्यप की शनिवार को गिधौल और मर्रई गांव के बीच गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनके भाई रुकुम सिंह ने गांव के धीरेंद्र और उसके भाई फुलवारी, राजेंद्र कोटेदार, सतेंद्र और शेखूपुर के पूर्व विधायक धर्मेंद्र शाक्य के मौसा बाबू सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। इसमें पुलिस ने आरोपी धीरेंद्र और उसके भाई फुलवारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
हत्याकांड का राजफाश करने में जुटी पुलिस ने गांव में कई लोगों से जानकारी ली। साथ ही मृतक के परिजनों से भी बात की है। उधर घटना स्थल से भी कुछ तथ्य हाथ लगे हैं। इसके बाद जब पुलिस ने मृतक प्रदीप के मोबाइल की डिटेल भी खंगाली शुरू कर दी। जिसमे चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। पुलिस को पता चला कि उझानी कोतवाली क्षेत्र की एक युवती से उसकी अक्सर बात होती थी। बताया जाता है कि प्रदीप कश्यप की मौत के बाद यह युवती पोस्टमार्टम हाउस पर भी पहुंची थी। युवती अपनी पढ़ाई के साथ साथ बदायूं के एक अस्पताल में नर्सिंग का काम करती थी, उसका प्रदीप कश्यप से अक्सर मिलना जुलना भी था।
जिसके बाद शनिवार की रात एसओजी और उझानी पुलिस युवती के गाँव पहुंची। परिजनों के मुताबिक गत 19 नवम्बर की रात आठ बजे पुलिसकर्मी अचानक घर में घुस गए और उसकी 18 वर्षीय बेटी को अपने साथ कोतवाली ले गए। पिता का आरोप है कि उसने पुलिस से पूछताछ की वजह पूछी मगर उन्होंने कोई जवाब नही दिया। इसके बाद देर रात लगभग एक बजे पुलिस ने बेटी को उसके सुपर्द कर दिया।
परिजनों का कहना है कि पूछताछ के दूसरे दिन रविवार की शाम अचानक युवती की हालत बिगड़ गई और लगभग चार से पांच बजे के बीच उसकी मौत हो गई। मृतका के पिता ने बताया कि बेटी की मौत की सूचना उसने कोतवाली पुलिस को दी और उसके बाद उसे सुपर्दे खाक कर दिया गया। पिता का कहना है कि पूछताछ के बाद से वह गुमसुम हो गई, साथ ही उसने खाना पीना छोड़ दिया था।
इस मामले में प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि युवती को पूछताछ बाद छोड़ दिया गया। युवती पहले से बीमार थी, उसे डेंगू था। हालाँकि युवती से पूछताछ की वजह उन्होंने नहीं बताई। वहीं एसओजी प्रभारी धवेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदीप कश्यप की मौत के बाद कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ हुई है। युवती को कौन लेकर आया और किसने पूछताछ की यह संज्ञान में नहीं है। अफसरों को पूरा मामला बताया जाएगा इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
इंस्पेक्टर और दरोगा लाइन हाजिर
हिंदूवादी नेता प्रदीप कश्यप की मौत के मामले में इंस्पेक्टर राजेश कुमार और सब इंस्पेक्टर चंद्रपाल सिंह को लाइन हाजिर किया जा चुका है। परिवार का आरोप है कि कोटे की रंजिश में प्रदीप की हत्या हुई है, आरोपियों से 16 नवंबर को विवाद हुआ था। प्रदीप ने उसकी भी तहरीर दी लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।