उझानी। उझानी में बदनाम भगवती गेस्ट हाउस के संचालक को शुक्रवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार करने समेत अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को अपने होटल में शरण देने के तहत मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही दो युवकों को भी जेल भेज दिया है।
नगर में बदायूं रोड पर भगवती गेस्ट हाउस एक अरसे से अय्याशी का अड्डा बना हुआ था। बीते दो दिनों में 8 छात्र-छात्राओं को यहाँ से पकड़ा गया था जिनमे 5 नाबालिग थे। इनमे अधिकांश स्कूल यूनिफॉर्म में अपने बैग के साथ यहाँ पहुँचे थे। संचालक ने नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए उन्हें कमरा मुहैया करवाया था। पुलिस ने अशोक थरेजा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज किया है। शुक्रवार को संचालक को गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।
युवकों को भी भेजा गया जेल
गेस्ट हाउस से हिरासत में ली गयी तक युवती ने आरोप लगाया कि उसका दोस्त बदायूं के मोहल्ला सोथा निवासी शाद फरूशोरी धोखे से यहाँ लाया था। युवती के मुताबिक शाद ने बताया कि उसके माता-पिता उझानी में हैं और उन्होंने जरूरी काम से बुलाया है। इसीलिए वो शाद के साथ उझानी आ गयी थी। शाद ने गेस्ट हाउस में निकाह और धर्म परिवर्तन का दवाब बनाया और अश्लील हरकत की। पुलिस ने शाद फरूशोरी के खिलाफ यूपी विधि विरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम और आईपीसी 366, 354 के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार किया।
गेस्ट हाउस के एक अन्य कमरें में बदायूं की आसरा कालोनी निवासी ब्रजेश को भी एक नाबालिग छात्रा के साथ बरामद कर लिया। पुलिस ने परिजनों को सूचना दी जिस पर कोतवाली पहुंचे परिजनों ने युवक पर छात्रा को बहला फुसला कर गेस्ट हाउस तक लाने के लिए तहरीर दी जिस पर पुलिस ने आईपीसी 363 के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस ने दोनों युवकों का मेडीकल कराने के बाद अदालत में पेश किया जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
बनाया था नकली रजिस्टर
पुलिस के मुताबिक आरोपी संचालक अशोक थरेजा ने नकली रजिस्टर तैयार किया था। इस पर वह गेस्ट हाउस में ठहरने वाले लोगों के निशानी अंगूठा लगवा कर उन्हें चंद घंटों के लिए कमरे किराए पर देता था। आरोपी को पुलिस ने पहले भी कई बार ऐसी हरकतें न करने की हिदायत दी थी लेकिन वह नहीं माना और आखिरकार उसे शुक्रवार को जेल जाना पड़ा है।
कभी बोलती थी तूती
एक वक्त था जब अशोक थरेजा की क्षेत्र में तूती बोलती थी। राजनीति में सक्रिय थरेजा ने चेयरमैन, विधायकी का चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार का सामना कर पड़ा लेकिन इससे उसके रुतबे में कोई कमी नहीं आई। सामाजिक कार्यों में भी उसकी बढ़-चढ़कर भूमिका रहती थी। स्थानीय लोगों के बीच मान-सम्मान था, लोग एक आवाज पर एकजुट हो जाते थे। लेकिन अशोक थरेजा का रंगीन मिजाज स्वाभाव की वजह से लोगों ने उससे दूरी बनाना शुरू कर दी।
बताया जाता है कि पिता की हरकतों से उसका इकलौता बेटा भी नाराज हो गया, उसने कई बार समझाने की कोशिश भी की लेकिन अशोक थरेजा ने एक न सुनी। इसके बाद बेटा अपने परिवार के साथ अलग रहने लगा। अशोक थरेजा को भगवती टेंट हाउस के संचालक के तौर पर जाना जाता था। इलाके में ये सबसे बड़ा टेंट हाउस था। बेटे के जाने के बाद उसने इसे गेस्ट हाउस में बदल लिया।