बिसौली(बदायूं)। मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण करा रही कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही ने दो और बच्चों की जान ले ली है। आक्रोशित परिजनों ने ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एक्सप्रेस वे पर शव रखकर जाम लगा दिया है। इससे पहले भी दो घटनाएँ हो चुकी हैं।
उघैती थाना क्षेत्र के गांव एपुरा गांव निवासी फुरकान 10 वर्ष पुत्र तसब्बर व समीर 12 वर्ष शफी खेत में धान लगाने आए थे। एक्सप्रेस वे पर मिट्टी डालने के लिए खोदे गए गड्ढों में बारिश का पानी भरा था। बताया जाता है कि बच्चों का पैर फिसला और वो गड्ढे में जा गिरे। गड्ढा काफी गहरा होने के कारण दोनों डूबने लगे। साथी बच्चों के शोर मचाने पर गांव के तमाम लोग पहुंच गए। तब दोनों बच्चों को बाहर निकाला गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो गई।
परिजनों ने लगाया जाम
आक्रोशित परिजनों ने एक्सप्रेस वे पर दोनों बच्चों के शव रखकर जाम लगा दिया है। गांव वालों का कहना है कि पहले ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई हो, इसके बाद ही शव पुलिस को सौंपे जाएंगे। मामले की जानकारी पर एसडीएम बिसौली विजय कुमार मिश्र समेत सीओ पवन कुमार मौके पर पहुंच गए। परिजनों का आरोप है कि ठेकेदार ने अंधाधुंध बालू खनन किया है और खेतों में गहरे गड्ढे कर दिए हैं। इन्हीं गड्ढों के कारण बच्चों की मौत हुई है। फिलहाल अफसर भीड़ को समझाने में लगे हुए हैं।
इससे पहले बीते मंगलवार(28 जून) थाना इस्लामनगर क्षेत्र के नसरौल गांव में गंगा एक्सप्रेस-वे के गड्ढे में डूबकर सात वर्षीय रूपेश पुत्र बुधसेन की मौत हो गई थी। बालक अपने कुछ साथियों के साथ गंगा एक्सप्रेस-वे किनारे खेलने गया था। इसी दौरान पानी भरे गड्डे में डूब गया।