उझानी(बदायूं)। जनपद में बीते सोमवार को सड़क हादसे में चार स्कूली बच्चों समेत पांच लोगों की मौत के बाद भी प्रशासन गंभीर नहीं है। स्कूली बच्चों को अनफिट वाहनों में ढोया जा रहा है और जिम्मेदार अंजान बने हैं। न तो अभिभावक ध्यान दे रहे हैं और न ही पुलिस सख्ती कर रही है। ऐसे में स्कूल संचालक मनमानी कर रहे हैं।
नगर में निजी स्कूल संचालकों ने छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था तो कर ली लेकिन बच्चों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है। अधिकांश स्कूलों के वाहनों की गुणवत्ता पर संचालक कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। यही वजह है कि बिना रोकटोक के ई-रिक्शा बच्चों को स्कूल लाने व ले जाने का काम कर रहे हैं। जबकि यह न तो पंजीकृत हैं और न स्कूल वाहनों के मानक पर खरा उतरते हैं। सुरक्षा के मानकों को दरकिनार करते हुए यह सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। हर सुबह घंटाघर चौराहे से ही 100 से ज्यादा ई-रिक्शा छात्र-छात्राओं को लेकर गुजरते हैं। वहीं कई स्कूलों ने अपनी बसें चलाने की जगह बाहरी लोगों को ठेका दिया हुआ है। इन ठेकेदारों ने टाटा मैजिक, जीप, ई-रिक्शा-टेंपो आदि को स्कूलों में लगाया हुआ है। इनमें क्षमता से अधिक बच्चों को आवागमन कराया जा रहा है। छह सीटों वाले टेंपो पर चालक 15 बच्चों को बैठाते हैं।
साथ ही कई स्कूली बसों के पास परमिट नहीं है। जिनके पास परमिट है, उनमें अधिकतर की फिटनेस नहीं कराई जाती है। बसों में कैमरे नहीं है तो फर्स्ट एड बॉक्स भी नहीं है। शीशे के साथ पाइप और जाली तक नहीं लगी हुई है। जिससे बच्चा बाहर सिर नहीं निकाल सके। कई अन्य सुरक्षा उपकरण भी नहीं लगाए गए है, जिससे बच्चों की जान का जोखिम रहता है।
अविभावक कब समझेंगे अपनी जिम्मेदारी?
अविभावक अपने नौनिहालों को स्कूल भेजते हैं ताकि वह अच्छी शिक्षा ग्रहण करें। लेकिन शिक्षा के साथ साथ उन्हें उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उठानी होगी। अविभावकों की ओर से स्कूल में कोई शिकायत नहीं की जाती, जिसकी वजह से स्कूल धड़ल्ले से नियमों की अनदेखी करते हैं और बच्चों की जिंदगी खतरे में डालते हैं। इसीलिए अविभावक अपने बच्चों को ई-रिक्शा, मैजिक, वैन या अन्य अनफिट वाहनों में बिल्कुल न भेजें, जिसमें उनकी जान को खतरा है। हादसों से सबक लेकर अविभावक को भी नौनिहालों की चिंता करनी चाहिए।
सीएम ने लगाया था प्रतिबंध
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करीबन 4 वर्ष पूर्व अपने स्कूलों के बच्चों को लाने-ले जाने के लिए ई-रिक्शा के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। सीएम ने कहा कि ई-रिक्शा को बच्चों के लिए असुरक्षित मानते हुए इन पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा, स्कूलों के लिए इनके संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
स्कूल बस के संचालन में ये है जरूरी
बस में कैमरा होना चाहिए।
जीपीआरएस ट्रैकर।
अग्निशमन यंत्र।
मेडिकल किट।
बस के परमिट होने चाहिए।
बस की फिटनेस सर्टिफिकेट।
प्रदूषण वैधता प्रमाणपत्र।
ड्राईविंग लाइसेंस।
एक हेल्पर होना चाहिए।
बस में खिड़की पर तीन पाइप होनी चाहिए, जिससे बच्चा सिर बाहर नहीं निकाल पाए।
सीट बेल्ट होनी चाहिए।
बस के पीछे स्कूल के नाम और नंबर लिखे होने चाहिए।
बस की वैधता होनी चाहिए।
ड्राइवर का पुलिस वेरिफिकेशन हो।