बरेली। केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के लिए आई एक महिला मरीज को अस्पताल से बाहर निकालने वाले डॉक्टर और उनके अस्पताल पर अब कार्रवाई शुरू हो गई है। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लिया है। उनके निर्देश के बाद सीएमओ ने टीम गठित की है। दीपमाला हॉस्पिटल की आयुष्मान योजना से मान्यता रद्द कर दी गई है।
शाहजहांपुर निवासी विजयलक्ष्मी के बेटे गोविंद मोहन के मुताबिक छह नवंबर की रात करीब दो बजे मां को लेकर दीपमाला अस्पताल पहुंचे। आयुष्मान कार्ड लगाने के बाद भी रुपये वसूले गए। 24 घंटे बाद रुपये खत्म हुए तो कार्ड से इलाज के बारे में पूछा। इस पर डॉ. सोमेश भड़क गए और गालियां देते हुए निकाल दिया। तब तक वह 1.40 लाख का भुगतान कर चुके थे। आरोप है कि आयुष्मान कार्ड से इलाज करने की बात कही तो डॉक्टर ने अभद्रता करते हुए अगले दिन मरीज को निकाल दिया। दिल्ली ले जाते समय मौत हो गई। इस मामले का डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लेते हुए सीएमओ को जांच के आदेश दिए हैं। दीपमाला हॉस्पिटल की प्रारंभिक जांच में संचालक के दोषी प्रतीत होने पर दीपमाला हॉस्पिटल को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत दीपमाला हॉस्पिटल की सूचीबद्धता से निरस्त किये जाने की संस्तुति दी गई है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारी
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर घटना के संबंध में हुई कार्रवाई की जानकारी पोस्ट की है। ब्रजेश पाठक ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि दीपमाला हॉस्पिटल, बरेली में संचालक प्रबंधक द्वारा मरीज एवं उसके तीमारदारों से अभद्रता करने एवं आयुष्मान भारत योजना के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग कर सरकार की योजनाओं का दुष्प्रचार करने संबंधी वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा दिये गए आदेश के क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बरेली द्वारा दो सदस्यीय टीम का गठन करते हुए उक्त प्रकरण की प्रारंभिक जाच में संचालक के दोषी प्रतीत होने पर दीपमाला हॉस्पिटल को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत दीपमाला हॉस्पिटल की सूचीबद्धता निरस्त किये जाने की संस्तुति दी गई है। शीघ्र ही उक्त चिकित्सालय के विरुद्ध शासकीय नियमों के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जायेगी, ताकि भविष्य में सरकार की योजनाओं के प्रति दुष्प्रचार व मरीजों एवं उनके तीमारदारों के साथ अभद्र व्यवहार की घटना की पुनरावृत्ति न हो।
वायरल हुआ था वीडियो
दरअसल, शुक्रवार को एक वीडियो वायरल हुआ। इस दीपमाला अस्पताल के डॉ. सोमेड मेहरोत्रा मरीज के परिजन आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने की बात पर भड़क रहे थे। उन्होंने योजना को धोखा बताते हुए सरकारी इलाज के नाम पर चूरन-चटनी की गोली खिलाए जाने की बात कही। साथ ही, नेताओं, अफसरों और डॉक्टरों की मिलीभगत से बजट के बंदरबाट की भी बात कही।
मरीज और तीमारदार को क्या कहा डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा ने?
डॉक्टर- फ्री में तुम्हे धोखा मिलेगा, इलाज नही होगा, इलाज नहीं होगा तुम्हारा और हम नाटक करेगे की इलाज हो रहा है तुम्हारा….
मरीज- हमारा इन्सान सही हो जाये….
डॉक्टर- इन्सान फ्री में सही हो जाये, सरकार तुम्हे सुविधा दे रही है 5 लाख रूपये की उसमे तुम्हारा मरीज फ्री में सही हो जाये तुम्हे ये चाहिए। तुम्हे ये नहीं मालूम है की फ्री वाले इलाज में ये सही नहीं होगा। जिस अस्पताल को 22 सौ रूपये मिल रहे है वो तुम्हे 6 हजार का इंजेक्शन क्यों लगाएगा। 2200 रूपये में वो इलाज होता है जो जिला अस्पताल में होता है। चूरन चटनी की गोली खिला दो बस। तुम चाहते हो रसीद देंदे ताकि जाकर केस कर दो। अस्पताल की ऐसी की तैसी करे। हमने अपनी तरफ से ईमानदारी से जितना बेस्ट कर सकते है सबकुछ किया। तुम्हारा मरीज पहले से बहुत अच्छा है।
डॉक्टर- तुम रोते हुए लोग हो ज़िन्दगी भर रोओगे। अस्पताल बेच कर भी लगा दे तब भी तुम रोते रहोगे। तुम्हारी टट्टी साफ़ नहीं की तुम ये कहोगे। दिमाग ख़राब कर दिया। तू जिंदगी भर जूते खायेगा। इसका अपनी बीबी से डिबोर्स होगा। इसकी बीबी आत्महत्या करेगी। अड़ोसी पडोसी इसे हमेशा छेड़ा करेंगे। सरकार अगर सुविधा देती है तो अस्पताल को पेमेंट कैसे करती है। सरकार अगर सुविधा देती है तो वो सरकारी अस्पताल में इलाज क्यों नहीं करती है। क्योंकि वो सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं कर सकती है, न उसके पास ज्ञान है न उसके पास सुविधा है। सरकारी अस्पताल से यहाँ का बजट दस गुना ज्यादा है। 14 करोड़ रूपये जिला अस्पताल में लगते है सब खा जाते है। नेता और डॉक्टर मिलकर वहां के। अगर सरकार तुम्हे सुविधा दे रही है तो सरकारी अस्पताल में क्यों नहीं इलाज करा रही है। प्राइवेट अस्पताल क्यों आना पड़ रहा है। क्योंकि सरकारी अस्पताल में इसका इलाज नहीं है। मेरे ज्यादा कहने का बुरा न मानना। इस आदमी ने मुझे गुस्सा दिला दिया। तू मेरे हॉस्पिटल में मत आना। तू यहाँ से बाहर निकल जा। मेरे सामने पड़ना मत। किसी आदमी से बात मत करना। सरकार की सुविधा सरकार की उसमे डालना। सरकार की सुविधा लेकर जिंदा रहना है तो। सुनो हमने आउट ऑफ़ दा वे जाकर तुम्हारी हेल्प की है ठीक है। तुम्हारा मरीज काफी ज्यादा पहले से ठीक है। दो इंजेक्शन लगा दिए अब वो ठीक है। अगर तीन लगते तो वो और ज्यादा ठीक होती। ये उसकी किस्मत वो ठीक है।
डॉक्टर- डॉक्टर अपने स्टाफ से कहते है कि तुम्हारे हिसाब से जो है आयुष्मान से कर लो, फीस काटो इसमें से मत लगाओ ज्यादा फीस। कोई हलकी वाली दवाई लगाओ और कल सुबह कल सुबह की छुट्टी कर दो। बाहर निकल यहाँ से, आईसीयू के सामने पड़ना भी मत, निकल भाग यहाँ से। ये दरवाजा बंद रखना। देख रहे हो ये पैदा किया है मोदी जी ने, अगर तुम एक सुविधा लेकर आये हो तो अस्पताल का पेमेंट तो करो। क्या गरीब आदमी, अब कहा से गरीब आदमी, अभी भी रो रहा है वो बाहर जाकर, इसको क्यों ले लिया अन्दर, ये आया कैसे। तुम कहा से आये हो, शाहजहांपुर मिर्जापुर कलान, हमारे अस्पताल में कैसे आये कैसे पता चला।हमारे यहाँ डायलिसिस का इलाज होता है। हमारे सारे मरीज पुराने मरीज है। हमने कौन सी गलती की, हमारे कौन से पापो का वो है जो इस तरह की बाते हमें सुननी पड़ी।
वही जब डॉ सोमेश मेहरोत्रा का कहना है कि इसमें जो आवाज दिखा रहे हैं वह हमारी आवाज नहीं है वीडियो को आप ध्यान से देखेंगे केवल एक ही पक्षी उसमें दूसरे की आवाज कोई है ही नहीं। वीडियो मेरे संज्ञान में नहीं है कि कब का है।