उझानी (बदायूं)। आरटीआई कार्यकर्ताओं ने शनिवार को सूचना के अधिकार अधिनियम की 14वीं वर्षगांठ मनाते हुए मिठाई वितरण किया। कार्यकर्ताओं ने सूचना के अधिकार अधिनियम के सामने आ रही चुनौतियों पर विचार मंथन किया गया।
नगर के घंटाघर मार्केट में एकत्रित हुए आरटीआई कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आसिम उमर ने कहा कि 12 अक्टूबर 2015 को लागू हुआ सूचना का अधिकार कानून आम भारतीय के सशक्तिकरण का सबसे बड़ा हथियार था। सरकारी और असरकारी विभागों में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार उजागर करने के लिए सूचना के अधिकार अधिनियम एक रामवाण था लेकिन करीबन 14 वर्षों बाद कानून के तहत प्रथम अपील सूचना पर न देना, सूचना को महत्व न देना, राज्य सूचना आयोग में मामलों की सुनवाई में देरी, आर्थिक दंड न लगाना और उसकी वसूली में देरी की वजह से यह कानून कमजोर होता जा रहा है।
आरटीआई कार्यकर्ता अभिनव सक्सेना ने कहा कि सूचना के अधिकार कानून का इस्तेमाल व्यवस्था परिवर्तन और समाज की भलाई के लिए करना चाहिए लेकिन कुछ लोग धन उगाही के माध्यम से कानून को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकारी की वर्षगांठ पर आरटीआई कार्यकर्ताओं को ऐसे भ्रष्ट लोगों के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है। इस मौके पर गौरव बाबु कल्याण, डॉ. अनवर कमाल, वाहिद अंसारी, कृष्ण अवतार, राजेश गोयल, प्रदीप सक्सेना, पुनीत वार्ष्णेय आदि लोग मौजूद रहे।