बदायूं। जिला अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल में दो-दो शव वाहन होने के बावजूद एक व्यक्ति को अपनी पत्नी का शव कंधे पर लादकर ले जाना पड़ा। फिलहाल डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट को जांच सौंपी दी है।
मूसाझाग थाना क्षेत्र के ग्राम मझारा निवासी सादिक की पत्नी मुनीशा जिला अस्पताल में भर्ती थी। सोमवार दोपहर इलाज के दौरान मुनीशा की मौत हो गई। इस पर सादिक ने जिला अस्पताल के सीएमएस से शव वाहन उपलब्ध कराने की मांग की। उन्हें यह भी बताया गया कि उसका गांव 25 किलोमीटर दूर है। सीएमएस डॉ. आरएस यादव को प्रार्थना पत्र भी लिखकर दिया। इसके बावजूद जिला अस्पताल प्रशासन की ओर से शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया। आखिर में सादिक पत्नी का शव अपने कंधे पर लादकर ले गया।
सादिक से बाहर खड़ी प्राइवेट एंबुलेंस चालकों ने शव घर पहुंचाने के लिए उससे दो हजार रुपये की मांग की। जबकि उसकी जेब में मात्र डेढ़ सौ रुपये थे। जिसके बाद वो खुद ही शव कंधे पर डालकर चल दिया हालांकि रास्ते में कुछ लोगों ने उसकी मदद की और चंदा जोड़कर शव गांव तक ले जाने के लिए वाहन किराये पर कराया।
इस मामले में डॉ. नेमी चंद्रा, सीएमओ ने कहा कि जिला अस्पताल में दो शव वाहन हैं, महिला का शव उसके घर तक पहुंचाने के लिए ईएमओ को शव वाहन भेजना चाहिए था। पूरे मामले से डीएम और शासन को अवगत करा दिया गया है, ईएमओ और सीएमएस दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।