लखनऊ। लोकसभा चुनाव में 37 सीटें जीतने के बाद उत्साहित अखिलेश यादव ने जम्मू कश्मीर की 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से 5 सीटें जम्मू और 15 सीटें कश्मीर की थीं। सपा को अब तक रुझानों में एक भी सीट नहीं मिलती दिख रही है। सपा को नोटा(NOTA) से भी कम वोट मिले हैं।
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में वोटों की गिनती जारी है। हरियाणा में बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। इसके साथ ही बीजेपी इतिहास बनाने जा रही है। वहां 52 साल बाद कोई सरकार लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में तस्वीर लगभग साफ है, नेशनल कॉन्फ्रेंस को पूर्ण बहुमत मिला है। हालाँकि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जम्मू कश्मीर की 20 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। सपा ने बारामूला, बांदीपोरा, वगूरा क्रीरी, करनाह, पट्टन, कुपवाड़ा, गुलमर्ग, रफीबाद, त्रेहगाम, लोलाब, विजयपुर, उधमपुर वेस्ट, चेनानी, नागरोटा, हजरतबल, बड़गाम, बीडवाह, हब्बाकदल, ईदगाह सीट पर उम्मीदवार उतारे थे।
त्रेहगाम से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सजाद खान को 462, रफीबाद से ताहिर सलमानी को 396, बारामूला से मंजूर अहमद को 604, गुलमर्ग से हिलाल अहमद को 342, पट्टन से वसीम गुलजार को 326, बडगाम से मकबूल शाह को 256 वोट मिले हैं। सपा का कोई भी प्रत्याशी तीन अंकों की संख्या से आगे नहीं बढ़ पाया है।
नोटा से भी हार गयी सपा
समाजवादी पार्टी (सपा) के लिए जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव परिणाम एक बड़ा झटका साबित हुए हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक सपा को अब तक 0.15 प्रतिशत वोट मिले हैं, जो नोटा (NOTA) से भी कम हैं। नोटा को जम्मू-कश्मीर में 1.48 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए हैं वहीं बहुजन समाज पार्टी को अब तक 0.97 प्रतिशत वोट मिले हैं। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद ये पहला चुनाव था जिसमें सपा ने अपने उम्मीदवार उतारे थे।