अलीगढ/बदायूं। जनपद के उघैती क्षेत्र में सामूहिक दुष्कर्म के बाद महिला की हत्या के मुख्य आरोपित महंत सत्यनारायण को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, पता चला है कि सत्यनारायण घटना वाले दिन गांव में छिपा रहा। पुलिस दो आरोपी जसपाल और वेदराम को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले पुलिस ने आरोपी महंत की तलाश करते हुए उसके एक हमशक्ल को पकड़ लिया था, लेकिन कुछ देर बाद ही पुलिस ने स्पष्ट किया कि पकड़ा गया व्यक्ति आरोपित सत्यनारायण नहीं है। जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया।
यूपी के अलीगढ में पुलिस को सूचना मिली कि बदायूं कांड का मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायाण दास इगलास कस्बे में घूम रहा है। इगलास के एक सब्जी बिक्रेता ने साधु को आरोपित सत्यनारायण समझकर पुलिस को सूचना दी थी। सब्जी बिक्रेता ने अखबार में छपे फोटो के आधार पर साधु को बदायूं कांड का 50 हजार का इनामी आरोपी सत्यनारायण समझ लिया। कोतवाली पुलिस ने भी प्रथमदृष्टया उसे फोटो के आधार पर आरोपी सत्यनारायण समझ लिया और बहादुरपुर चौकी ले गई। साधु का हुलिया आरोपित से मिलता-जुलता था, पूछताछ के लिए अलीगढ में पहले से मौजूद बदायूं पुलिस की एक टीम जांच करने रवाना हो गयी।
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जब उससे पूछताछ हुई तो पता चला कि पकड़ा गया साधु गुजरात के सूरत का रहने वाला है। उसके पास से जो आधार कार्ड भी मिला, उस पर उसका नाम सत्यनारायण वेंकटैया अडागटला दर्ज है। बातचीत में उसने खुद को मूल रूप से तेलंगाना का रहने वाला बताया। जबकि आरोपी सत्यनारायण बरेली का रहने वाला है। बदायूं पुलिस ने भी आरोपी सत्यनारायण के एक करीबी से भी वीडियो कॉल पर उसकी पहचान कराई है। जब यह बात तस्दीक हो गई कि यह उघैती क्षेत्र में वारदात को अंजाम देने वाला आरोपी नहीं तो हमशक्ल बाबा को छोड़ दिया गया। एसएसपी मुनिराज के मुताबिक इगलास में सब्जी विक्रेता के संदेह पर एक साधु को हिरासत में लिया गया। मगर जांच में वह बदायूं कांड का आरोपी नहीं पाया गया। इसलिए उसे छोड़ दिया गया।
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दरअसल बदायूं कांड के आरोपी की कोई दूर की रिश्तेदार भतीजी अलीगढ के मडराक क्षेत्र में है। बदायूं पुलिस को जानकारी मिली थी कि आरोपी वहां पहुँच सकता है इसीलिए पुलिस वहां गयी थी। मगर 24 घंटे की खोजबीन के बाद कोई सुराग नहीं लगा। हालांकि आरोपी सत्यनारायण को देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है, आरोपी महंत उसी मंदिर के पास खेत में छुपा था जहां उसने हैवानियत की थी बाद में पड़ोस के गांव में चला गया। पुलिस का दावा है कि उसने गांव वालों के सहयोग से आरोपी को पकड़ा। पुलिस हिरासत में उससे पूछताछ की जा रही है। इस मामले में कर्तव्यहीनता के आरोप में तत्कालीन इंस्पेक्टर राघवेंद्र प्रताप सिंह खिलाफ धारा 166 ए के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया।