बदायूं। वजीरगंज थाना क्षेत्र 13 दिनों से लापता युवक का शनिवार को कंकाल मिलने के बाद गुस्साए लोगों ने पुलिस को खदेड़ कर पीटा है। हमले में थानेदार व एक सिपाही गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पुलिस की कार्यशैली से नाराज ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही आसपस थानों का पुलिस व पीएसी लेकर एसपी देहात मौके पर रवाना हुए।
क्षेत्र के गांव पेंपल निवासी जयपाल का 17 वर्षीय बेटा सुखवीर बीते 25 जुलाई को संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया था। काफी खोजबीन के बाद जब उसका पता नहीं चला तो सुखवीर के भाई ने 27 जुलाई को गुमशुदगी दर्ज करायी। सुखवीर के भाई सुनील कुमार ने अपने भाई के अपहरण की आशंका जताते हुए पड़ोसी गांव बरखेड़ा निवासी एक महिला सहित चार लोगों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया। जिसके बाद 29 को गुमशुदगी अपहरण में बदली गयी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर गांव बरखेड़ा निवासी कोमिल पुत्र लटूरी, रामपाल पुत्र लटूरी, कल्लू पुत्र दोदराम, सुखदेई पत्नी कोमिल आदि के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
सुनील ने बताया, उसका भाई सुखवीर का पड़ोसी गांव बरखेडा निवासी एक व्यक्ति के घर पर आना जाना था। जिस दिन वह लापता हुआ है उस दिन भी वह गांव वालों ने उसे उसी घर में देखा था। इसके बावजूद पुलिस उसका पता नहीं लगा सकी।
वहीं 31 जुलाई को पुलिस ने दावा किया कि किशोर की लोकेशन दिल्ली में मिली है। परिजन पुलिस के साथ दिल्ली गए लेकिन वहां भी कुछ हाथ नहीं लगा और थक-हारकर टीम लौट आई। वहीं आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई लेकिन पुलिस उनसे राज नहीं उगलवा सकी।
शनिवार को उसका गला हुआ शव गांव के जंगल में मिला। सूचना पर वजीरगंज थाना प्रभारी प्रकाश सिंह दलबल के साथ मौके पर पहुंचे तो यहां लोगों ने पुलिस युवक तलाश करने में लापरवाही का आरोप लगाया। पुलिस ने जब शव को उठाने की कोशिश की तो आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने उन पर पथराव कर दिया। थाना प्रभारी को खींचकर लोगों ने बुरी तरह लाठी डंडों से पीट डाला। वे जान बचाकर वहां से भागे, इसके बाद ग्रामीणों के हाथ सिपाही लगे उन्हें भी जमकर पीटा।
घटना में एसओ प्रकाश सिंह, सिपाही पुष्पेंद्र कुमार, हितेश प्रेमी, रोहित व अखिलेश घायल हुए हैं। पुलिस की सरकारी जीप भी क्षतिग्रस्त हो गई है। बाद में मौके पर पहुंचे एसपी देहात और प्रशासनिक अधिकारियों ने परिवार वालों को समझाने में लगे हुए हैं।
उसावां में भी प्रकाश सिंह की कार्यशैली पर उठे थे सवाल
बीते साल नवम्बर में उसावां कस्बा के वार्ड संख्या पांच निवासी व्यापारी मुनेंद्र गुप्ता के बेटे रामानंद की मारपीट के 6 दिन बाद मौत हो गयी थी। उस वक्त प्रकाश सिंह उसावां थाने का चार्ज संभाल रहे थे। रामानंद की मौत के बाद परिजनों व व्यापारियों ने कस्बे में मुरादाबाद-फर्रुखाबाद हाईवे पर शव रखकर जाम लगाया। व्यापारियों ने पुलिस के खिलाफ आक्रोश जताते हुए बाजार बंद कर दिया और थाने का घेराव कर जमकर हंगामा किया।
मुनेन्द्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि दो युवकों ने घर में घुसकर उनके बेटे को पीटा था, जब वो थाने में तहरीर देने गए तो थानाध्यक्ष प्रकाश सिंह ने उनको थाने से भगा दिया। इसके साथ ही आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की। स्वजन के हंगामे को देखते हुए आनन फानन में नामजद तीन आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।