बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया में वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया और आजमगढ़ के डीआईजी वैभव कृष्ण ने मिलकर अवैध वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन लिया है। इस कार्रवाई के बाद थाना अध्यक्ष फरार है।
बलिया के नरही थाने में बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और तस्करी के आरोप लग रहे थे। आरोपों में शराब, पशु तस्करी और लाल बालू की तस्करी की शिकायतें प्रमुख थीं। इन शिकायतों के आधार पर पुलिस विभाग और सरकार को सूचित किया गया, जिसके बाद एडीजी पीयूष मोर्डिया और डीआईजी वैभव कृष्ण ने यूपी बिहार बॉर्डर पर गंगा नदी के पुल के पार बने भरौली पिकेट पर बुधवार की रात में कार्रवाई की। दोनों अधिकारी सादी वर्दी में पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने सर्च ऑपरेशन चला दिया। सीनियर अधिकारियों को पहचानते ही हड़कंप मच गया। टीम ने दो पुलिसकर्मियों के साथ ही 18 प्राइवेट कर्मियों को हिरासत में ले लिया।
मौके से काफी संख्या में बाइक, रजिस्टर और मोबाइल भी बरामद किए गए। सभी लोगों को पास स्थित मंदिर पर पकड़कर रखा गया। पूरी रात पूछताछ की कार्रवाई चलती रही। पता चला कि हर ट्रक से 500 रुपए की वसूली हो रही थी। रोजाना वहां से एक हजार से ज्यादा ट्रक गुजरते हैं। ऐसे में रोजाना पांच लाख से ज्यादा की वसूली हो रही थी। इसके अलावा छोटी गाड़ियों से भी अलग अलग रेट पर वसूली होने की बात पता चली है। गुरुवार सुबह बलिया से बंदियों को ले जाने वाले वाहन को बुलाकर वहां से पकड़े गए लोगों को नरही थाने पर लाया गया। नरही थाने पर भी टीम की कार्रवाई जारी रही। यहां थाना प्रभारी के कमरे को सील कर दिया गया। वह फरार हो गए हैं।
किसके किसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई
थानाध्यक्ष नरही उपनिरिक्षक पन्नेलाल, चौकी प्रभारी कोरण्टाडीह राजेश कुमार प्रभाकर सहित कुल-07 पुलिसकर्मी (मुख्य आरक्षी हरिदयाल सिंह, मुख्य आरक्षी विष्णु यादव, आरक्षी सतीश गुप्ता, आरक्षी दीपक मिश्रा, आरक्षी बलराम सिंह) एवं 16 दलालों के विरूद्ध मुकदमा लिखा गया है। मुकदमे में 02 पुलिसकर्मी आरक्षी हरिदयाल सिंह थाना नरही, आरक्षी सतीश गुप्ता चौकी कोरण्टाडीह और 18 दलाल गिरफ्तार किए गए, दोषी पाए जाने पर थानाध्यक्ष नरही पन्नेलाल को निलम्बित किया गया है।
ये निलंबित किए गए
चौकी प्रभारी कोरंटाडीह राजेश कुमार प्रभाकर को निलम्बित किया गया है। साथ ही सम्पूर्ण कोरंटाडीह पुलिस चौकी के आठ पुलिस कर्मी को भी सस्पेंड कर दिया गया था जिनमें चौकी प्रभारी के अतिरिक्त दो मुख्य आरक्षी-चन्द्रजीत यादव व औरंगजेब खॉ एवं पांच आरक्षी परविन्द यादव, सतीश चन्द्र गुप्ता, पंकज कुमार यादव, ज्ञानचन्द्र व धर्मवीर पटेल शामिल हैं। इसी के साथ थाना नरही के थाना प्रभारी के अलावा एक सब इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल विष्णु यादव, पांच आरक्षी-हरिदयाल सिंह, दीपक मिश्रा, बलराम सिंह, उदयवीर व प्रशान्त सिंह एवं 01 आरक्षी चालक ओम प्रकाश को निलम्बित किया गया है।
आवासों को किया गया सील
थाना प्रभारी नरही, चौकी प्रभारी कोरण्टाडीह एवं संलिप्त आरक्षियों के आवासों को सील कर दिया गया है ताकि विवेचना के कम में अहम सर्च एवं सीजर में वसूली के धन से संबंधित कैश की भी जांच की जा सके।
एडीजी डीआईजी की गोपनीय रेड
दोनों अधिकारियों ने इस रेड की इतनी गोपनीयता रखी कि इसकी सूचना एसपी बलिया को भी नहीं दी। इस रेड के दौरान भरौली चेकपोस्ट पर उगाही का खेल पकड़ा गया वहीं चौकी में तो कोई नहीं था लेकिन चौकी इंचार्ज थाने में कोतवाल के सामने उगाही का हिसाब देते देख लिए गए। जैसे ही पुलिसकर्मियों को पता चला कि डीआईजी और एडीजी की टीम ने रेड किया, सभी पुलिसकर्मी थाना छोड़ कर भागने लगे। नरही के कोतवाल तो सात फुट ऊंची थाने की चाहरदीवारी कूद कर फरार हो गए।
डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि मौके से दो पुलिसकर्मी समेत 18 को गिरफ्तार किया गया है। मौके से 37,500 नकदी बरामद किए गए हैं। नरही थाना प्रभारी पन्नेलाल समेत नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। कोरंटाडीह चौकी के प्रभारी समेत चौकी के सभी पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया गया है। सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दो सिपाही समेत 18 लोगों का चालान किया गया है।