बदायूं। महिला एवं बाल विकास विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारंभ गरुवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा किया गया। जिसके बाद जनपद में कोरोना में अपने परिजनों को खोने वाले बच्चों को स्वीकृति पत्र सौंपा गया। इस योजना में जिले 11 बच्चों के खाते में प्रतिमाह चार हजार रुपये की दर से प्रति बच्चे के खाते में 3 माह का 12 हजार रुपये की धनराशि खाते में डिजिटली ट्रांसफर किए गए।
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के शुभारंभ कार्यक्रम का लाइव प्रसारण हुआ। मुख्यमंत्री के संबोधन को जिलाधिकारी दीपा रंजन, बिसौली विधायक कुसाग्र सागर, भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक भारतीय, जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार व कोरोना प्रभावित बच्चों के अभिभावकों व संरक्षक के रूप में आए परिजनों द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से सुना गया। कार्यक्रम के दौरान योजना के अंतर्गत आने वाले जनपद के 11 बच्चों के को आर्थिक सहयोग की धनराशि का स्वीकृति पत्र दिया गया।
डीएम ने कहा कि शून्य से 18 वर्ष की आयु के बच्चे जिनके माता या पिता अथवा दोनों की कोविड-19 संक्रमण के कारण मृत्यु हो गयी है, उन्हें ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के तहत 04 हजार रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं। इस योजना के तहत 11 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों की निःशुल्क शिक्षा, अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में कराई जाएगी।
प्रदेश सरकार अनाथ बालिकाओं के विवाह योग्य होने पर उनकी शादी हेतु 1 लाख 1 हजार रुपए उपलब्ध कराएगी। कक्षा 9 या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष आयु तक के ऐसे बच्चों को टैबलेट अथवा लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध कराए जाएंगे।
’उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ की खास बातें
– बच्चे के वयस्क होने तक उनके अभिभावक या देखभाल करने वाले को 4000 प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
– 18 वर्ष की आयु से कम आयु के ऐसे बच्चे जिनका कोई अभिभावक या परिवार नहीं है, ऐसे सभी बच्चों को राजकीय बाल गृह (शिशु) में देखभाल की जाएगी। ये गृह मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा एवं रामपुर में संचालित हैं।
– बालिकाओं के विवाह की समुचित व्यवस्था के लिए प्रदेश सरकार बालिकाओं की शादी हेतु रुपये 1 लाख एक हजार राशि उपलब्ध कराएगी।
– अवयस्क बालिकाओं की देखभाल सुनिश्चित की जाएगी। इन्हें कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (आवासीय) में या प्रदेश सरकार द्वारा संचालित राजकीय बाल गृह (बालिका) में रखा जाएगा। जहां इनकी देखभाल और शिक्षा.दीक्षा के प्रबंध होंगे। इसके अलावा इन्हें प्रदेश में स्थापित किए जा रहे 18 अटल आवासीय विद्यालयों में भी रखकर उनकी देखभाल की जाएगी।
– स्कूल या कॉलेज में पढ़ रहे अथवा व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे ऐसे सभी बच्चों को टैबलेट या लैपटॉप दिया जाएगा।