अलीगढ। भाजपा नेता को गिरफ्तार करने पहुंची बंगाल पुलिस को भाजपाइयों ने कमरा बंद कर पिटाई की। इस बीच जमकर हंगामा हुआ। सांसद सतीश गौतम, विधायक संजीव राजा, विधायक अनिल पराशर समेत भाजपा के विभिन्न वरिष्ठ नेता मौके पर पहुंच गए। बाद में स्थानीय पुलिस बंगाल पुलिस टीम को समर्थकों से बचाते हुए थाने ले गई।
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के पूर्व मंडल अध्यक्ष योगेश वार्ष्णेय ने 2017 में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सिर कलम करने पर 11 लाख रुपये इनाम देने का बयान दिया था। योगेश वार्ष्णेय के खिलाफ बंगाल में मुकदमा भी दर्ज हुआ था। उसी के चलते शनिवार को भाजपा नेता को गिरफ्तार करने पुलिस पहुंची थी। भाजपा नेता को पकड़ने के लिए बंगाल पुलिस के दो कर्मचारी सुवासीब दत्त और आलमगीर इस्लाम सिविल ड्रेस में उसके घर पहुंचे थे। उनके साथ गांधी पार्क थाने के दो सिपाही भी मौजूद थे।
जब वह उनके घर पहुंचे और भाजपा नेता को बुलाया तो उसके समर्थकों ने सभी को चारों ओर से घेर लिया। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हो गए और उन्होंने बंगाल पुलिस के कर्मचारियों को बंधक बना लिया। भारी भीड़ के बीच भाजपा समर्थकों ने बंगाल पुलिस टीम की कमरे में बंद कर जमकर धुनाई की।
सूचना पर सांसद सतीश गौतम, कोल विधायक अनिल पाराशर और शहर विधायक संजीव राजा मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि योगेश को किसी भी कीमत पर पश्चिम बंगाल पुलिस को नहीं ले जाने दिया जाएगा। एक घंटे तक चले हंगामे के बाद स्थानीय पुलिस किसी तरह दोनों को बचाकर ले गई। सांसद सतीश गौतम ने सीओ मोहसिन खान व इंस्पेक्टर गांधीपार्क वंशीधर पांडेय से सवाल-जवाब किया। कहा कि तुम्हारी अनुमति के बिना पुलिस टीम मकान तक कैसे पहुंच गई। भाजपा महानगर अध्यक्ष डॉक्टर विवेक सारस्वत का कहना है बंगाल की पुलिस यहां आई, थाने से कोई आमद नहीं हुई।
उधर, भाजपा नेता योगेश की मां पूनम वार्ष्णेय ने गांधी पार्क थाने में तहरीर दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि शुक्रवार शाम दो व्यक्ति उनके घर पर आए और गाली-गलौज करने लगे। इसके बाद उनके मोहल्ले की पार्षद अल्का गुप्ता वहां आ गई तो दोनों ने उनके साथ भी गाली-गलौज की। बदसलूकी करने का प्रयास किया। इसके साथ ही दोनों युवकों ने 15 हजार रुपए और सोने की चैन छीन ली। जिसके बाद मोहल्ले के लोग जमा हो गए और उन्होंने दोनों आरोपियों को पकड़ लिया।
दरअसल पश्चिम बंगाल के वीरभूमि जिले में हनुमान जयंती के मौके पर जुलूस निकाल रहे हिंदू जागरण मंच कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज हुआ था। इससे आहत शहर के गांधी नगर निवासी योगेश वार्ष्णेय ने लाठीचार्ज के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार बताया और उनका सिर लेकर आने वाले को 11 लाख के इनाम की घोषणा करते हुए बयान जारी कर दिया था। 12 अगस्त 2017 को इस बयान के बाद देश की सियासत में भूचाल मचा था। संसद तक में यह मुद्दा गूंजा था। इस मामले में योगेश के खिलाफ कोलकाता में तीन मुकदमे दर्ज किये गये थे। उस मुकदमे पर उस समय भी पश्चिम बंगाल पुलिस योगेश की गिरफ्तारी को यहां आई थी। मगर उस समय भी भाजपा नेताओं के दबाव में साथ नहीं ले जा सकी थी।
अलीगढ़ के भाजपा नेता को पकड़ने के लिए लगभग 6 महीने पहले भी बंगाल पुलिस टीम शहर आई थी। उस समय भाजपा नेता को कहीं से इसकी भनक लग गई थी, जिसके बाद वह घर से फरार हो गया था। उस समय बंगाल पुलिस को खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ा था। दोबारा बंगाल पुलिस भाजपा नेता को गिरफ्तार करने अलीगढ़ आई और देर शाम उसके घर पहुंची। जिसके बाद यह विवाद बढ़ गया।
सीओ मोहसिन खान ने बताया कि बंगाल पुलिस एक मामले में अलीगढ़ आई थी और वह सादे कपड़ों में भाजपा नेता के घर पहुंच गई। यहां उनकी स्थानीय लोगों के साथ कुछ अनबन हुई है। सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई और बंगाल पुलिस की टीम को सकुशल थाने ले आया गया है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।