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एमएलसी चुनाव: भाजपा, सपा प्रत्याशी ने दाखिल किया नामांकन पत्र, नदारद रहीं संघमित्रा मौर्य

बदायूं। बदायूं में विधान परिषद सदस्य की सीट के लिए सोमवार को भाजपा प्रत्याशी वागीश पाठक और सपा प्रत्याशी सिनोद शाक्य ने नामांकन दाखिल किया। नामांकन के लिए भाजपा व सपा प्रत्याशी पार्टी नेताओं, समर्थकों के साथ पहुंचे। हालाँकि इस दौरान सांसद संघमित्रा मौर्य नदारद रहीं। प्रशासन ने व्यवस्था बनाने के लिए नामांकन स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की है।

एमएलसी चुनाव के नामांकन के अंतिम दिन भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी बागीश पाठक ने नामांकन किया। वागीश पाठक सोमवार दोपहर तकरीबन साढ़े 12 बजे वाहनों के काफिले के साथ कलेक्ट्रेट गेट पर पहुंचे। उनके साथ केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा, जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता, सदर विधायक महेश चंद्र गुप्ता, बिल्सी विधायक हरीश शाक्य, पूर्व विधायक धर्मेंद्र शाक्य, पूर्व एमएलसी जितेंद्र यादव, शहर नगर पालिका चेयरमैन दीपामाला गोयल, नगर पंचायत उसहैत की अध्यक्ष सेनरा वैश्य भी मौजूद रहे। कलक्ट्रेट गेट पर प्रमुख नेताओं को ही अंदर जाने दिया गया। अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को गेट पर ही रोक दिया गया।

वहीं सपा प्रत्याशी सिनोद शाक्य ने भी सोमवार दोपहर अपना नामांकन डीएम के समक्ष दाखिल कर दिया। उनके साथ पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव व बिसौली से सपा विधायक आशुतोष मौर्या समेत तमाम पार्टी के नेता और कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।

नामांकन में नहीं पहुंची संघमित्रा मौर्य
भाजपा प्रत्याशी वागीश पाठक के नामांकन में जहाँ तीनो विधायक, राज्यसभा सांसद बील वर्मा समेत पार्टी जिलाध्यक्ष, कार्यकर्त्ता मौजूद रहे वहीं सांसद संघमित्रा मौर्य नजर नहीं आईं। इस सम्बन्ध में सवाल पूछने पर एमएलसी प्रत्याशी बागीश पाठक ने उनके लोकसभा सत्र में व्यस्त होने का हवाला दिया।

इससे पहले संघमित्रा मौर्य विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन के दौरान ही दिखाई दी थीं, उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा था कि सभी 6 सीटों पर भाजपा जीतेगी लेकिन इसके बाद वो पार्टी के चुनाव प्रचार में कहीं नहीं पहुंची। वहीं विधानसभा चुनाव के ठीक पहले उनके पिता और योगी सरकार में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे, सपा ने उन्हें फाजिलनगर से प्रत्याशी बनाया।

इसके बाद उन्होंने बार-बार कहा कि अपने पिता के क्षेत्र में भाजपा का प्रचार करने नहीं जाएंगी, न ही पिता के लिए प्रचार करेंगी। लेकिन चुनाव से दो दिन पहले भाजपा-सपा कार्यकर्ताओं में हिंसा के बाद वो अपने पिता के समर्थन में आ गयीं। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर भाजपा प्रत्याशी को हराने की अपील की।

फाजिलनगर में चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों हुए इस घटनाक्रम के बाद सांसद ने फेसबुक पर लाइव वीडियो अपलोड राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पंचायत चुनाव और हाल ही विधानसभा चुनाव में बदायूं में खेला हुआ है। इसका पूरा काला चिट्ठा उनके पास रिकार्डिंग और सुबूतों के साथ है। ऐसे लोगों के खिलाफ अब वह शीर्ष नेतृत्व से शिकायत कर मोर्चा खोलेंगी। इस दौरान सांसद ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ भी की।

आज तक नहीं जीती भाजपा
जनपद में विधान परिषद सीट पर लंबे समय तक सपा का कब्जा रहा है। एक बार बसपा प्रत्याशी के रूप में जितेंद्र यादव यहां से एमएलसी चुने गए। 2016 के चुनाव में बनवारी सिंह ने जितेंद्र यादव को हराकर फिर से सीट पर कब्जा कर लिया। जितेंद्र यादव ने चुनाव में धांधली संबंधी आरोप लगाते हुए बनवारी सिंह यादव के निर्वाचन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। बनवारी सिंह यादव का निधन मार्च 2017 में हो गया था। उनके निधन के बाद मामला कोर्ट में होने के कारण इस सीट पर उप चुनाव भी नहीं हो सका था। ऐसे में पांच साल से बदायूं सीट खाली है। इस बार जहां सपा के सामने सीट बचाए रखने की चुनौती है वहीं भाजपा पहली बार बदायूं विधान परिषद सीट पर कब्जा करना चाहेगी।

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