उझानी। क्षेत्र के गाँव में बीएलओ पर वोटों में गड़बड़ी करने का आरोप लगा है, निवर्तमान प्रधान ने बीएलओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वहीं बीएलओ ने इन आरोपो का खंडन किया है।
उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों के चुनाव की तैयारियों का बिगुल बज चुका है। राज्य निर्वाचन द्वारा मतदाता सूची पुनरीक्षण की अधिूसचना जारी करने के बाद पुनरीक्षण अभियान में बीएलओ जुट गए हैं। पुनरीक्षण अभियान के तहत मृतकों व बाहर रहने वाले मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं। साथ ही मानक के मुताबिक नए वोटों को जोड़ा जाता है। वहीं उझानी ब्लॉक के तेहरा ग्राम पंचायत में निवर्तमान प्रधान पंकज यादव ने बीएलओ जरीना सैफी पर मतदाता सूची में धांधली का आरोप लगाया है। पंकज यादव का आरोप है कि बीएलओ जरीना सैफी ने 11 मृतकों को सूची में जोड़ा है, साथ ही 4 लोगों के डबल वोट बनाए गए हैं। इसके अलावा 15 ऐसे लोगों का वोट बनाया गया है जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है।
आरोपों के मुताबिक गाँव के 8 स्थायी निवासी लोगों का वोट काट दिया गया है। प्रभावशाली लोगों का हस्ताक्षेप की वजह से बीएलओ न सिर्फ चुनाव आयोग की अवहेलना कर रही हैं बल्कि चुनाव को भी प्रभावित कर रही हैं बीएलओ के परिवार के 10 वोट गाँव की मतदाता सूची में शामिल है जबकि ये सभी गाँव में न रहकर कस्बे में रहते हैं और इन सभी के वोट नगर पालिका परिषद के भाग संख्या 36 में हैं।
पंकज यादव का कहना है कि उन्होंने पुनरीक्षण अभियान से पहले ही संभावित आशंका जताते हुए बीएलओ को हटाने की 3 बार शिकायत दी थी लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। फिलहाल मामले की लिखित शिकायत तहसीलदार से भी की है, इस घटनाक्रम की उच्चाधिकारियों से जांच कराए जाने की मांग की है। वहीं बीएलओ जरीना सैफी ने इस मामले में कहा कि उन्होंने निष्पक्ष तरीके से काम किया है, आरोपों में सच्चाई नहीं है।
निवर्तमान प्रधान और उनकी पत्नी का नहीं बनाया था वोट
इससे पहले साल 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पंकज यादव और उनकी पत्नी नीलम यादव को वोट बनवाने के लिए हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में दोनों मतदाताओं का नाम ग्राम तेहरा शेखपुर विधानसभा क्षेत्र की सूची में शामिल करने का निर्देश दिया था।