आगरा| उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक विवाद के सुलझाने गए दरोगा की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। पुलिस टीम ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया लेकिन उनकी मौत हो गई। पुलिस की टीमें आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश डाल रही हैं।
खंदौली थाना क्षेत्र के गांव नहर्रा निवासी विजय सिंह पहलवान के दो बेटो विश्वनाथ और शिवनाथ के बीच खेत को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है। विजय सिंह ने पत्नी को छोड़ रखा है। बड़ा बेटा शिवनाथ पिता के साथ रहता है। वहीं छोटा विश्वनाथ मां के साथ रहता है। विजय के खेत के तीन हिस्से हुए हैं। एक हिस्सा विजय के पास है। इस पर शिवनाथ ने खेत में आलू की फसल की थी।
बुधवार को विश्वनाथ ने पिता के खेत से आधा आलू मांगा। कहा कि यह मां के हिस्से का है। दोनों भाइयों के बीच सुबह विवाद हो गया। सूचना पर पुलिस पहुंच गई। इस पर आलू की खुदाई होने लगी। पुलिस की भी मौजूदगी रही। तब कोई विवाद नहीं हुआ। शाम के समय विश्वनाथ पहुंच गया। उसने तमंचा लेकर मजदूरों को धमकाना शुरू कर दिया। शाम तकरीबन सात बजे दरोगा प्रशांत कुमार यादव और सिपाही चंद्रसेन बाइक से गांव पहुंचे। खेत में विश्वनाथ के हाथ में तमंचा देखकर पीछे दौड़ लग दी। इस पर विश्वनाथ ने गोली चला दी। गोली सीधे दरोगा की गर्दन पर लगी, चंद्रसेन की सूचना पर थाना की फोर्स पहुंची। दरोगा को अस्पताल लेकर गई, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। सूचना पर एडीजी राजीव कृष्ण, आईजी रेंज ए सतीश गणेश, एसएसपी बबलू कुमार मौके पर पहुंच गए।
मूल रूप से बुलंदशहर के रहने वाले प्रशांत कुमार यादव की हत्या के मामले में आईजी रेंज आगरा/एडीजी सतीश गणेश ने बताया कि दो सगे भाइयों के बीच आलू की उपज को लेकर विवाद हुआ था। पुलिस विवाद की सूचना पर गांव पहुंची थी। तभी हमला किया गया। पूरे मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
सूबे की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर संज्ञान ले लिया है। सीएम योगी ने दारोगा की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए उनके परिवार के लिए घोषणा की है। जिसके मुताबिक एसआई प्रशांत के परिवार को 50 लाख का मुआवज़ा दिया जाएगा। साथ ही प्रशांत के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। एसआई प्रशांत यादव के नाम पर उनके गांव में एक सड़क का नामकरण किया जाएगा।
इससे पहले हुए यूपी में पुलिस पर हुए हमले, जिनमें पुलिसकर्मी मारे गए
- कासगंज में 9 फरवरी को सिंहपुरा थाना क्षेत्र में काली नदी की कटरी में शराब माफिया मोती सिंह ने अपने भाइयों और दूसरे लोगों के साथ मिलकर SI अशोक कुमार और सिपाही देवेंद्र पर हमला कर दिया था। इस हमले में सिपाही देवेंद्र की मौत हो गई थी। जबकि सब इंस्पेक्टर अशोक बुरी तरह जख्मी हुए थे। इसके बाद पुलिस मुठभेड़ में मोती सिंह और उसका भाई मारे गए थे।
- कानपुर में चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में दो जुलाई 2020 की रात दबिश दी गई, पुलिस टीम पर गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। 9 जुलाई को विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार हुआ था। 10 जुलाई को पुलिस ने कानपुर के भौंती में उसका एनकाउंटर कर दिया था। भौंती में गाड़ी पलट जाने पर विकास ने भागने की कोशिश की थी और मुठभेड़ में मारा गया था। जबकि उसके 5 साथी मुठभेड़ में मारे गए और इस मामले में 36 लोग जेल में हैं।