लखनऊ। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आज नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए की अधिसूचना जारी कर दी है। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने यह कानून लागू करके सबको चौंका दिया है। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है।
सीएम योगी ने एक्स पर लिखा, ‘पीड़ित मानवता के कल्याणार्थ नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू करने का निर्णय ऐतिहासिक है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में मजहबी बर्बरता से पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के सम्मानजनक जीवन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मनुष्यता को आह्लादित करने वाले इस मानवीय निर्णय हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार एवं माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी का धन्यवाद! इस अधिनियम के अंतर्गत भारत की नागरिकता प्राप्त करने जा रहे सभी भाइयों-बहनों का हार्दिक अभिनन्दन!’
क्या है नागरिकता संशोधन कानून?
नागरिकता संशोधन विधेयक से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया है। इसके तहत पड़ोसी मुल्क में रहने वाले अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। इसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता बिना कोई दस्तावेज दी जाएगी। इसके तहत 6 अल्पसंख्यक यानी हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी भारत की नागरिकता के लिए अप्लाई कर पाएंगे। इसके लिए वही अल्पसंख्यक अप्लाई कर पाएंगे, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए थे।
दरअसल, सीएए को भारतीय संसद में 11 दिसंबर, 2019 को पारित किया गया था जिसमें 125 वोट इसके पक्ष में पड़े थे और 105 वोट इसके खिलाफ थे। राष्ट्रपति द्वारा इस विधेयक को 12 दिसंबर 2019 को मंजूरी भी मिल गई थी। लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। तब यह कानून लागू नहीं हो सका।
इसमें प्रवासियों को वह अवधि साबित करनी होगी कि वे इतने समय में भारत में रह चुके हैं। उन्हें यह भी साबित करना होगा कि वे अपने देशों से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए हैं। वे लोग उन भाषाओं को बोलते हैं, जो संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल हैं। उन्हें नागरिक कानून 1955 की तीसरी सूची की अनिवार्यताओं को भी पूरा करना होगा। इसके बाद ही प्रवासी आवेदन के पात्र होंगे।
नागरिकता संशोधन कानून के सन्दर्भ में कई गलतफहमियां फैली थीं। यह नागरिकता देने का कानून है, CAA से किसी भी भारतीय नागरिक के नागरिकता नहीं जाएगी, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। यह कानून केवल उन लोगों के लिए है जिन्हें वर्षों से उत्पीड़न सहना पड़ा और जिनके पास दुनिया में भारत के अलावा और कोई जगह नहीं है।
क्या करना होगा?
सीएए पोर्टल पर भारत में नागरिकता के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है। इसके लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद डॉक्यूमेंट को सब्मिट करना होगा। फिर रजिस्ट्रेशन के बाद सरकारी जांच पड़ताल होगी। अगर आपके सारे दस्तावेज सही पाए जाते हैं, तो आपको भारत की नागरिकत दे दी जाएगी।