बदायूं। अलापुर थाना थाना क्षेत्र के ककराला कस्बे में पुलिस पर पथराव के मामले में शनिवार को 28 नामजद और 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस ने तीन सगे भाई समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अन्य की गिरफ्तारी को दबिश दी जा रही है।
एसआई रामपाल सिंह की तहरीर पर अलापुर थाने में इस घटनाक्रम को अंजाम देने के आरोप में डोडा तस्कर नजमुल, रिहान, अरमान, रहीस, युसुफ शाह, वसीम, युनुश शाह, रिजवान, अरमान, इमरान, बिलाल, अफगान, खालिद समेत 28 नामजद और 300 अज्ञात उपद्रवियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआईआर में पुलिस पर जानलेवा हमले, सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन पर सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम समेत 12 संगीन धाराएं लगाई गई हैं।
फिलहाल पत्थरबाजी की घटना के बाद कस्बे में शांति व्यवस्था कायम है। पुलिस लगातार मार्च कर रही है। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही कहा कि कानून व्यवस्था में विघ्न डालने वालों पर पुलिस की पैनी नजर है और ऐसे लोगों को नहीं बख्शा जाएगा। एडीजी बरेली जोन राजकुमार ने भी कस्बे का दौरा कर हालत का जायजा लिया है।
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उपद्रवियों ने पुलिस पर किया था पथराव
बीती शुक्रवार रात ककराला के वार्ड संख्या 12 निवासी रिहान बाइक से कहीं जा रहा था। इसी बीच दातागंज सीओ के नेतृत्व में चल रहे वाहन चेकिंग अभियान के दौरान रेहान की बाइक रोकी गई लेकिन रेहान ने इसका विरोध किया। कुछ देर बाद रिहान ने तमाम लोगों को बुलाकर सड़क पर जाम लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस के द्वारा जब लोगों को घर वापस जाने के लिए कहा गया तो भीड़ में शामिल लोगों द्वारा पुलिस के ऊपर पथराव किया गया। करीब एक घंटे तक अफरा तफरी का माहौल बना रहा।
सूचना पर एसएसपी डॉ. ओपी सिंह, एडीएम प्रशासन वीके सिंह, एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा, एसपी सिटी अमित किशोर श्रीवास्तव, एसडीएम सदर एसपी वर्मा समेत कई थानों से पुलिस बल पहुंच गया। इस दौरान पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद हालत को काबू किया गया। इस पथराव में पुलिसकर्मी अर्जुन सिंह, सचिन कुमार, राहुल कुमार, अंकित कपासिया, अभिषेक सिंह और अनुराग घायल हो गए। साथ ही दो पुलिस वाहन को नुकसान पहुँचा।
भीड़ ने निकाली पुरानी ‘भड़ास’
ककराला कस्बे में शुक्रवार रात भीड़ ने अपनी पुरानी भड़ास निकाली। दरअसल इसी साला जून माह में पुलिस ने रिहान को पशु तस्करी के आरोप में पकड़ा था। रिहान ने पुलिस पर आरोप लगाया था कि उसे चौकी में बंद करके रखा गया। उसके प्राइवेट पार्ट में डंडा डाला गया। उसे बिजली का करंट लगाया। युवक का बुलंदशहर में इलाज भी चला था।
रिहान की माँ नजमा ने इस मामले की शिकायत एसएसपी डॉ. ओपी सिंह से की तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए दातागंज सीओ प्रेम कुमार थापा को जांच सौंप दी। जांच में तत्कालीन चौकी इंचार्ज सत्यपाल, सिपाही नरेंद्र, सोनू, शेखर और विपिन के नाम सामने आए जिसके बाद युवक की मां की तहरीर पर पांचो पुलिसकर्मियों समेत दो अज्ञात के खिलाफ मारपीट, धमकी देना, गंभीर चोट पहुंचाने, हिंसा करने के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम धारा 7/13 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इन सभी को निलंबित कर दिया था हालांकि उन्हें बाद में बहाल कर दिया गया। इस मामले की जांच अभी भी एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा कर रहे हैं।
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वहीं जब शुक्रवार रात गश्त के दौरान पुलिस ने रिहान की बाइक रोकी थी तो उसने फिर से पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया। उसने लोगों को बताया कि पुलिस पुराने मामले में फैसला करने का दबाव बना रही थी। इसीलिए उसके साथ मारपीट की गई है। हालाँकि पुलिस का कहना है कि बाइक चेकिंग से नाराज रिहान व उसके साथियों ने पुराने मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए पुलिस के खिलाफ लोगों को भड़काया। पुलिस के जाने के बाद रिहान के पक्ष में सैकड़ों उपद्रवियों की भीड़ आ गयी जिसके बाद बवाल हुआ।
कौन है नजमुल?
डोडा माफिया नजमुल मूलरूप से ककराला कस्बे का रहने वाला है। साल 2019 में उसके अब्दुल्ला डिग्री कॉलेज ककराला से भारी मात्रा में डोडा पकड़ा गया था। तत्कालीन एसपी सिटी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कॉलेज पर छापा मारा था। यहां से 25 बोरी डोडा, दो बाइक, एक ट्रैक्टर और डोडा पीसने की मशीन बरामद की थी। पुलिस लगातार उसकी तलाश में दबिश देती रही लेकिन पकड़ा नहीं गया। 21 सिंतबर 2019 को नजमुल कोर्ट में सरेंडर हो गया। उसके बाद पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने उसका अब्दुल्ला डिग्री कॉलेज, अब्दुल्ला मार्केट और ककराला व उसके आसपास की तमाम संपत्ति जब्त कर ली।